अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बाइडन प्रशासन के तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी को अमेरिकी इतिहास का “सबसे शर्मनाक पल” करार दिया और तत्कालीन सैन्य प्रमुख मार्क मिले को “मूर्ख” कहा. कैबिनेट बैठक में बोलते हुए ट्रम्प ने सैन्य उपकरणों को छोड़ने और बगराम हवाई अड्डे के नुकसान पर सवाल उठाए.
सैन्य उपकरणों का नुकसान
ट्रम्प ने मार्क मिले के फैसलों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “वे सारे उपकरण छोड़ आए और हर साल वे उस उपकरण के साथ सड़कों पर परेड करते हैं. हर स्क्रू, हर बोल्ट, हर कील को वहां से निकाल लेना चाहिए था.” ट्रम्प ने मिले के एक बयान का जिक्र किया, “मिले ने कहा था कि उपकरण छोड़ देना बेहतर है. क्यों? 15 करोड़ डॉलर का हवाई जहाज छोड़ना सस्ता है बजाय इसके कि इसे पाकिस्तान या भारत ले जाया जाए. यहीं से मैंने जाना कि वह मूर्ख हैं. यह समझने में ज्यादा समय नहीं लगा. उन्होंने अपनी गरिमा वहां छोड़ दी. यह मेरे देश के इतिहास का सबसे शर्मनाक पल था.”
चीन के कब्जे में चला गया बगराम
ट्रम्प ने बगराम हवाई अड्डे के सामरिक महत्व पर जोर दिया और दावा किया कि यह अब चीन के नियंत्रण में है. उन्होंने कहा, “हमारे पास बगराम था, जो अब चीन के नियंत्रण में है. यह दुनिया के सबसे मजबूत रनवे में से एक है. यह चीन के परमाणु हथियार बनाने की जगह से एक घंटे की दूरी पर है.” हालांकि, अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने इस दावे का खंडन किया है.
अफगान विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
अफगान सुरक्षा विशेषज्ञों ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी के खिलाफ चेतावनी दी है. सैन्य विश्लेषक यूसुफ अमीन जजई ने टोलो न्यूज को बताया, “अमेरिका एक महाशक्ति है, लेकिन अफगान कभी भी अपनी धरती पर विदेशी सैन्य उपस्थिति बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए.”
अफगान की धरती से अमेरिकी सेना का पलायन
30 अगस्त 2021 को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाई, जिसने 20 साल के युद्ध को समाप्त किया. ट्रम्प प्रशासन ने फरवरी 2020 में तालिबान के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत चरणबद्ध वापसी तय हुई. बाइडन प्रशासन ने इसे लागू किया, लेकिन काबुल हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी और तालिबान के तेजी से सत्ता हासिल करने ने वैश्विक आलोचना बटोरी.