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India Daily

ट्रंप और शी की ऐतिहासिक मुलाकात आज, बुसान में जल्द शुरू होगी उच्च स्तरीय वार्ता

बुसान में ट्रंप और शी जिनपिंग की होने वाली बैठक से अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद सुलझने की उम्मीद बढ़ी है. दोनों देशों ने समझौते और सहयोग के संकेत दिए हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Trump and Xi Jinping will have a historic meeting today after 6 years.
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में होने वाली बैठक को लेकर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं. यह मुलाकात ऐसे समय में होने जा रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और टैरिफ विवाद चरम पर है. यह मुलाकात छह साल बाद हो रही है और माना जा रहा है कि इससे अमेरिका-चीन संबंधों में नई दिशा मिल सकती है.

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान नए टैरिफ उपायों और चीन की जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है. हालांकि, अब दोनों पक्ष आर्थिक सहयोग बहाल करने और व्यापारिक नुकसान को कम करने के रास्ते खोज रहे हैं. ट्रंप ने बैठक से पहले कहा, 'हमारी मुलाकात बहुत सफल होने वाली है. शी जिनपिंग बहुत सख्त वार्ताकार हैं, लेकिन हमारे बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं.'

क्या अमेरिका और चीन सुलह की दिशा में बढ़ रहे हैं?

दोनों देशों ने हाल के दिनों में समझौते के संकेत दिए हैं. अमेरिका ने चीनी आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने से बचने का इशारा किया है, जबकि चीन ने दुर्लभ मृदा निर्यात सीमा में ढील और अमेरिकी सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू करने पर विचार किया है.

क्या फेंटेनाइल विवाद पर भी चर्चा होगी?

ट्रंप ने कहा कि वह फेंटेनाइल उत्पादन पर चीन की भूमिका को लेकर टैरिफ में कुछ नरमी पर विचार कर सकते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कदम से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल हो सकेगा.

बैठक कब और कहां होनी है?

दोनों नेताओं की बैठक बुसान में स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे शुरू होगी. यह बैठक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान होगी, जिसका मुख्य स्थल ग्योंगजू से लगभग 76 किलोमीटर दूर है.

क्या पहले से हुई चर्चाओं ने वार्ता का रास्ता आसान किया है?

कुआलालंपुर में हुई पूर्व-वार्ता में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सकारात्मक सहमति बनी थी. चीन के मुख्य व्यापार वार्ताकार ली चेंगगांग ने कहा कि “प्रारंभिक सहमति” बन चुकी है, जिसे अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बेहद सफल रूपरेखा बताया.

क्या इस वार्ता से एशियाई बाजारों में स्थिरता आएगी?

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका और चीन के बीच टकराव कम होता है तो एशियाई बाजारों में निवेश का माहौल सुधरेगा और निर्यात व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.

क्या दक्षिण कोरिया को मिलेगा रक्षा सहयोग?

ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया को परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों के निर्माण में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. इससे दोनों देशों के रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे.

दक्षिण कोरिया इस सौदे को कैसे देख रहा है?

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने कहा कि यदि दक्षिण कोरिया परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों से लैस हो जाए, तो इससे क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग और गहरा होगा.

बुसान में होने वाली यह मुलाकात अमेरिका-चीन रिश्तों के भविष्य को तय करने वाली साबित हो सकती है. दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और टैरिफ नीति में नरमी से वैश्विक बाजारों में स्थिरता आने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वार्ता सफल रहती है, तो यह एशियाई अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत होगा.