दक्षिण कोरिया में कुत्ते का मांस खाने की परंपरा रही है, और इसी वजह से वर्षों से वहां किसान मांस के लिए कुत्ते पालते आ रहे हैं. यहीं के रहने वाले जू येओंग बोंग जैसे किसान इस व्यवसाय से अच्छी कमाई भी कर रहे थे, लेकिन जनवरी 2024 में सरकार ने कुत्ते के मांस की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया. इसके चलते जू और अन्य किसानों को अब अपने फार्म में मौजूद लाखों कुत्तों को रखने या बेचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अब इन्हें खरीदने वाला कोई नहीं है.
सरकार ने आदेश दिया है कि 2027 तक मांस बेचने वाले सभी कुत्तों के फार्म बंद कर दिए जाएं, लेकिन प्रतिबंध के बाद इन कुत्तों के लिए कोई दूरगामी योजना नहीं बनाई गई है. एक अन्य किसान ने बताया कि उनके पास करीब 600 कुत्ते हैं, उन्होंने इस व्यवसाय में अपनी सारी पूंजी लगा दी थी, लेकिन अब वे जानवरों के लिए कोई विकल्प नहीं ढूंढ पा रहे हैं. अगर समय पर व्यवस्था नहीं हुई तो उन्हें जेल का भी खतरा है.
वहीं इसको लेकर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि छोड़े गए कुत्तों को स्थानीय प्रशासन अपने संरक्षण में लेगा, लेकिन देश के पशु शेल्टर पहले से ही भरे हुए हैं. पशु अधिकार संगठनों ने इस फैसले की सराहना तो की है, लेकिन वे भी यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि इन बचे हुए कुत्तों का क्या किया जाए. ऐसे में किसान आशंकित हैं कि कहीं इन कुत्तों को मारने का रास्ता ही न अपनाना पड़े, जो इस प्रतिबंध का बिल्कुल उलटा प्रभाव होगा.