टाटा सन्स ने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे (AI-171) के पीड़ितों के परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपये का ट्रस्ट स्थापित करने की योजना बनाई है. टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने 12 जून को हुई इस त्रासदी के बाद पहली बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखा. इस दुखद हादसे में 270 से अधिक लोगों की जान चली गई, जब लंदन जाने वाला बोइंग ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
पीड़ित परिवारों के लिए व्यापक सहायता
चंद्रशेखरन ने बोर्ड को बताया कि टाटा ग्रुप हादसे से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए एयर इंडिया के साथ मिलकर त्वरित राहत उपाय लागू कर रहा है. ट्रस्ट के लिए 500 करोड़ रुपये की मंजूरी मांगी गई है, जो पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा, चिकित्सा देखभाल और बीजे मेडिकल कॉलेज व सिविल अस्पताल के नवीनीकरण के लिए उपयोग होगा. टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं. टाटा सन्स अपने बहुसंख्यक शेयरधारक टाटा ट्रस्ट्स के साथ मिलकर राहत कार्यों को आगे बढ़ाएगा.
मुआवजा और दीर्घकालिक सहायता
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रस्ट का अधिकांश हिस्सा 271 पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा, चिकित्सा खर्च और दीर्घकालिक जरूरतों के लिए उपयोग होगा. टाटा ग्रुप ने पहले ही प्रत्येक मृतक यात्री के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा घोषित किया है. चंद्रशेखरन ने हादसे के बाद क्रैश साइट का दौरा किया और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का वादा किया. उन्होंने कहा, "हम बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के पुनर्निर्माण में भी सहायता करेंगे."
टाटा की प्रतिबद्धता और पारदर्शिता
चंद्रशेखरन ने इस त्रासदी को टाटा ग्रुप के इतिहास का "सबसे अंधकारमय दिन" करार देते हुए कहा, "हमने इस ग्रुप को विश्वास और देखभाल पर बनाया है. यह कठिन समय है, लेकिन हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेंगे. हम इस नुकसान को सहेंगे और कभी नहीं भूलेंगे." उन्होंने कर्मचारियों को आंतरिक संदेश में यह भी आश्वासन दिया कि हादसे की जांच में पूर्ण सहयोग और पारदर्शिता बरती जाएगी.