China Training Pakistani Pilots: पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी ने समा टीवी पर दावा किया कि चीन पाकिस्तानी पायलटों को गिलगित-बाल्टिस्तान में J-35A स्टील्थ फाइटर जेट की ट्रेनिंग दे रहा है. सेठी, जो नवाज शरीफ परिवार और पाकिस्तानी सेना के करीबी माने जाते हैं, ने पहले भी विवादित दावे किए हैं. उनके इस बयान की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. विशेषज्ञ इसे भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश मान रहे हैं.
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि चीन 2025-26 तक 30-40 J-35A स्टील्थ फाइटर जेट 50% छूट पर देगा. यह विमान पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर है, जिसे भारत के राफेल और सुखोई-30 MKI से मुकाबले के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि J-35A अभी चीन में प्रोडक्शन स्टेज में है. इतनी जल्दी डिलीवरी और ऑपरेशनल नेटवर्क तैयार करना मुश्किल है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, इसे लागू करना और भी चुनौतीपूर्ण है.
नजम सेठी ने गिलगित-बाल्टिस्तान का जिक्र खास रणनीति के तहत किया. यह क्षेत्र, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है, भारत, चीन, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के करीब है. यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का हिस्सा है. गिलगित-बाल्टिस्तान की सामरिक स्थिति इसे सैन्य और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाती है. इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों की मौजूदगी की खबरें पहले भी आ चुकी हैं. यदि J-35A की ट्रेनिंग यहां हो रही है, तो यह भारत के खिलाफ दो मोर्चों (चीन और पाकिस्तान) की रणनीति का हिस्सा हो सकता है.
J-35A स्टील्थ फाइटर की तैनाती से पाकिस्तान की वायुसेना को मजबूती मिल सकती है. इसके रडार-चोरी करने की क्षमता और उन्नत हथियार भारत के लिए चुनौती हैं. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान डर में है. एक्सपर्ट मानते हैं कि ये खबरें भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव और सूचना युद्ध का हिस्सा हैं.
भारत इस खतरे को हल्के में नहीं ले रहा. DRDO और BEL ने VHF एंटी-स्टील्थ रडार विकसित किया है, जो स्टील्थ विमानों को पकड़ सकता है. भारत अपनी स्वदेशी AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) परियोजना को भी तेज कर रहा है, जिसका पहला प्रोटोटाइप 2035 तक तैयार होगा. इसके अलावा, राफेल और सुखोई-30 MKI को नए सेंसर और हथियारों से अपग्रेड किया जा रहा है.