थाईलैंड की 'राष्ट्रमाता' के नाम से मशहूर पूर्व रानी सिरीकित का निधन पूरे देश में शोक की छटा बिखेर रहा है. 25 अक्टूबर 2025 को 93 वर्ष की आयु में चुलालोंगकॉर्न अस्पताल में उनका देहांत हो गया. लंबी बीमारी के बाद ब्लड इंफेक्शन से उनकी जिंदगी की मशाल बुझ गई.
थाई राजघराने ने इसे घोषित करते हुए एक वर्ष का शोककाल घोषित कर दिया. सरकार ने 30 दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाने का आदेश दिया है. इस शोक के बीच थाईलैंड में काले कपड़ों की भारी खरीदारी से बाजार सूख गए हैं. दुकानदार परेशान हैं कि स्टॉक खत्म हो चुका है. यह हालत भारतीय पर्यटकों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है, जो थाईलैंड घूमने जाते हैं.
इस बुद्धिस्ट देश में काले कपड़े हो गए मार्केट से गायब!
रानी सिरीकित थाईलैंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक थीं. वे स्वर्गीय राजा भीमिबोल अदुल्यादेज की पत्नी और वर्तमान राजा माहा वजिरलोंगकॉर्न की मां थीं. 1932 में जन्मीं सिरीकित ने फ्रांस में थाई सिल्क इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया. उन्होंने ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के सशक्तिकरण पर काम किया. पेरिस में राजदूत की बेटी के रूप में पली-बढ़ीं, उन्होंने थाई संस्कृति को वैश्विक पटल पर चमकाया.
उनकी शैली और परंपराओं ने थाईलैंड को नई पहचान दी. 2012 के स्ट्रोक के बाद वे सार्वजनिक जीवन से दूर रहीं, लेकिन जनता के दिलों में हमेशा जिंदा रहीं. मां के दिन पर उनका जन्मदिन मनाया जाता था, जो थाईलैंड में विशेष महत्व रखता है. निधन के बाद थाईलैंड में शोक की लहर दौड़ गई.
राजघराने ने एक साल तक शोक का ऐलान किया. सरकारी कर्मचारी और सिविल सर्वेंट्स को पूरे वर्ष काले कपड़े पहनने का निर्देश है. आम जनता को 90 दिनों तक काला, सफेद या म्यूटेड रंगों के कपड़े पहनने की अपील की गई. थाई संस्कृति में काला शोक का प्रतीक है. इस वजह से देशभर में काले टी-शर्ट, शर्ट, ब्लाउज और ड्रेस की मांग आसमान छू गई.
थाईलैंड भारत से सालाना लाखों पर्यटक आकर्षित करता है. ग्रैंड पैलेस और वाट फ्रा के जैसे स्थल 26 अक्टूबर से 8 नवंबर तक बंद रहेंगे. पीएम अनुटिन चर्नवीराकुल ने ASEAN समिट कैंसल कर दिया, जो शोक की गहराई दिखाता है. रानी सिरीकित की विरासत थाईलैंड के दिल में बसी रहेगी. उनका निधन न सिर्फ थाईलैंड बल्कि विश्व भर के प्रशंसकों के लिए क्षति है.