menu-icon
India Daily

लाल सागर में चीन का आतंक, जर्मन विमान पर लेजर वेपन से हमला करने पर भड़का बर्लिन, लिया ये सख्त एक्शन

यह लेजर घटना अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों में सैन्य बलों के बीच नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठाती है. जर्मनी ने इसे शांति मिशन में संचालन के मानदंडों का उल्लंघन माना है. बढ़ते कूटनीतिक दबाव और क्षेत्र में हूती हमलों के बीच, ईयू को सुरक्षा दिशानिर्देशों की समीक्षा करनी पड़ सकती है.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
Laser Attack in Red Sea
Courtesy: Social Media

जर्मनी ने मंगलवार (8 जुलाई) को एक गंभीर घटना का खुलासा करते हुए कहा कि लाल सागर में एक चीनी सैन्य पोत ने जर्मन निगरानी विमान पर लेजर से निशाना साधा. इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है. जर्मन विदेश मंत्रालय ने इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” करार देते हुए चीनी युद्धपोत पर कर्मियों और संचालन की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया. जर्मनी ने कड़ा कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया और बर्लिन में चीनी राजदूत को तलब किया. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि, यह घटना इस महीने की शुरुआत में हुई, जब यूरोपीय संघ (ईयू) के नेतृत्व वाले एस्पाइड्स मिशन के तहत संचालित एक निगरानी विमान को चीनी युद्धपोत ने लेजर से निशाना बनाया. इस विमान का संचालन एक निजी वाणिज्यिक प्रदाता द्वारा किया जा रहा था, जिसमें जर्मन सेना के कर्मी सवार थे.

जर्मन विमान पर लेजर हमला

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “लेजर का उपयोग करके युद्धपोत ने लोगों और सामग्री को खतरे में डालने का जोखिम स्वीकार किया.” मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि लेजर हमले से पहले कोई संपर्क या कारण नहीं बताया गया. सावधानी के तौर पर, विमान ने अपना मिशन रद्द कर दिया और जिबूती में अपने बेस पर सुरक्षित लौट आया. सौभाग्यवश, चालक दल को कोई चोट नहीं आई, और विमान अब फिर से ईयू मिशन के तहत संचालित हो रहा है. 

एस्पाइड्स मिशन का उद्देश्य

ईयू की सामान्य सुरक्षा और रक्षा नीति के तहत चलाया जाने वाला एस्पाइड्स मिशन लाल सागर, अदन की खाड़ी और हिंद महासागर में व्यापारिक और मालवाहक जहाजों की सुरक्षा पर केंद्रित है. यह मिशन यमन के हूती विद्रोहियों के हमलों से खतरे में पड़े उच्च जोखिम वाले जलमार्गों में नागरिक जहाजों की रक्षा करता है. मिशन का उद्देश्य किसी भी आक्रामक या सैन्य कार्रवाई में भाग लेना नहीं है. 

लाल सागर में बढ़ता खतरा

लाल सागर का दक्षिणी हिस्सा हूती विद्रोहियों के हमलों के कारण उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है. ये हमले, जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय शिपिंग को निशाना बनाते हैं, वैश्विक व्यापार को बाधित कर रहे हैं. सोमवार को हूती विद्रोहियों ने एक लाइबेरिया-ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर घंटों तक हमला किया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया. 

मामले पर चीन ने साधी चुप्पी

मंगलवार तक चीन ने जर्मनी के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी. बर्लिन में चीनी दूतावास और चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर मौन साधा हुआ है.