Defence Procurement Deal: देश की सुरक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की दिशा में मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने करीब 79 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दी. केंद्र सरकार के इस निर्णय से थलसेना, वायुसेना और नौसेना की युद्धक क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा. केंद्र का यह फैसला आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
सरकार ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए नई मिसाइल प्रणाली, हाई मोबिलिटी वाहनों, नेवल सर्फेस गनों और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए 79,000 करोड़ रुपए की रक्षा खरीद को मंजूरी दी गई है.
Ministry of Defence: "The Defence Acquisition Council, under the chairmanship of Raksha Mantri Rajnath Singh, approved various proposals of the Services amounting to a total of about Rs 79,000 crore." pic.twitter.com/iSV4BX2qPm
— ANI (@ANI) October 23, 2025Also Read
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना के लिए नाग मिसाइल सिस्टम (Tracked) एमके-II (NAMIS), ग्राउंड बेस्ट मोबाइल ELINT सिस्टम (GBMES) और मैटेरियल हैंडलिंग क्रेन के साथ हाई मोबिलिटी वाहनों की खरीद को मंजूरी दी गई है. NAMIS की खरीद से भारतीय सेना की दुश्मन देशों के लड़ाकू वाहनों, बंकरों और दूरदराज क्षेत्रों की किलेबंदी को बेअसर करने की क्षमता बढ़ेगी.
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh released Defence Procurement Manual (DPM) 2025 in New Delhi today. Effective from Nov 1, 2025, the new manual will streamline revenue procurement worth approx ₹1 lakh crore by the Services & MoD establishments — promoting ease of doing business,… pic.twitter.com/YOKXwM67w8
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) October 23, 2025
वहीं GBMES दुश्मन के ऊर्जा उत्सर्जन की चौबीसों घंटे इलेक्ट्रिक खुफिया जानकारी प्रदान करेगा. इसके अलावा HMVs को शामिल करने से अलग-अलग तरह के भौगोलिक इलाकों में सैन्य बलों तक रसद पहुंचाने में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है.
स्मार्ट गोला-बारूद की खरीद को मंजूरी
बैठक में लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स, 30 एमएम नेवल सरफेस गन, एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76 एमएम सुपर रैपिड गन माउंट के लिए स्मार्ट गोला-बारूद की खरीद को मंजूरी दी गई है. वहीं भारतीय वायु सेना के लिए कोलैबोरेटिव लॉन्ग रेंज टारगेट सैचुरेशन/डिस्ट्रक्शन सिस्टम और अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.