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Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे के बाद अमेरिका की खरी-खरी, भारत का किया समर्थन

Arunachal Pradesh: अमेरिका का जो बिडेन प्रशासन ने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और चीन के किसी भी एकतरफा प्रयास का दृढ़ता से विरोध करता है.

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Prime Minister Modi with US President Joe Biden

Arunachal Pradesh: अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सरकार अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देती है और चीन के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वोत्तर भारतीय राज्य में क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करता है. 

विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है. हम वास्तविक नियंत्रण सीमा रेखा के पार घुसपैठ या अतिक्रमण, सैन्य या नागरिक द्वारा क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का मजबूती से विरोध करते हैं."

अमेरिकी विदेश विभाग की अहम टिप्पणी 

अमेरिकी विदेश विभाग की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद चीनी सेना की ओर से राज्य पर अपना दावा दोहराए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. चीनी रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि ज़िज़ांग (तिब्बत का चीनी नाम) का दक्षिणी भाग चीन के क्षेत्र का एक अंतर्निहित हिस्सा है और बीजिंग भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी भी स्वीकार नहीं करता है और दृढ़ता से विरोध करता है." 

भारत ने चीन के दावों को किया खारिज 

चीन जो अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, अपने दावों को उजागर करने के लिए नियमित रूप से भारतीय नेताओं के राज्य के दौरों पर आपत्ति जताता है. बीजिंग ने इस क्षेत्र का नाम ज़ंगनान भी रखा है. बीजिंग के इस कदम को भारत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इससे वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आया है. भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के क्षेत्रीय दावों को बार-बार खारिज करते हुए कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य देश का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा. 

अरुणाचल प्रदेश में बनी सेला सुरंग का पीएम मोदी ने किया था उद्धाटन 

परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी चीन और भारत 3,000 किलोमीटर (1,860 मील) की सीमा साझा करते हैं. इसका अधिकांश भाग खराब तरीके से सीमांकित है. 9 मार्च को मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया, जो रणनीतिक रूप से स्थित तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की बेहतर आवाजाही सुनिश्चित करने की उम्मीद है.