विदेशों में भारतीय नागरिकों की स्थिति को लेकर शुक्रवार (25 जुलाई) को संसद में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि विश्व भर की जेलों में 10,574 भारतीय बंद हैं, जिनमें से 43 को फांसी की सजा सुनाई गई है. जहां वर्तमान में 2,773 भारतीय नागरिक सलाखों के पीछे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री का कहना है कि, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सबसे अधिक 2,773 भारतीय कैदी हैं. इसके बाद सऊदी अरब में 2,379 और नेपाल में 1,357 भारतीय जेल में हैं. अन्य देशों में कतर (795), मलेशिया (380), कुवैत (342), यूनाइटेड किंगडम (323), बहरीन (261), पाकिस्तान (246), और चीन (183) शामिल हैं. कुछ देशों जैसे अंगोला, बेल्जियम, कनाडा, चिली, मिस्र, इराक, जमैका, मॉरीशस, सेनेगल, सेशेल्स, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, ताजिकिस्तान, और यमन में केवल एक-एक भारतीय कैदी है.
43 भारतीयों को मिली फांसी की सजा
मंत्री का कहना है कि कुल 10,574 कैदियों में से 43 भारतीयों को कई देशों में मृत्युदंड का सामना करना पड़ रहा है. सबसे अधिक 21 भारतीय UAE में फांसी की सजा का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद सऊदी अरब (7), चीन (4), इंडोनेशिया (3), और कुवैत (2) हैं. अमेरिका, मलेशिया, ओमान, पाकिस्तान, कतर, और यमन में एक-एक भारतीय को मृत्युदंड सुनाया गया है.
गोपनीयता कानून और सीमित जानकारी
मंत्री ने साफतौर पर कहा कि कई देशों में सख्त गोपनीयता कानूनों के कारण विदेशी कैदियों की पूरी जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है, जब तक कि व्यक्ति स्वयं खुलासे के लिए सहमति न दे. फिर भी, भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास इन मामलों पर नजर रखते हैं और कानूनी व कांसुलर सहायता प्रदान करते हैं.
सरकार की पहल और सहायता
भारत सरकार ने प्रभावित नागरिकों को सहायता देने के लिए कई कदम उठाए हैं. भारतीय मिशन द्विपक्षीय वार्ता, न्यायिक हस्तक्षेप, और माफी की अपील के जरिए कैदियों की रिहाई या प्रत्यावर्तन के लिए प्रयासरत हैं. भारतीय सामुदायिक कल्याण कोष (ICWF) का उपयोग जरूरतमंद मामलों में कानूनी प्रतिनिधित्व और प्रत्यावर्तन लागत के लिए किया जा रहा है.
श्रीलंका में 28 भारतीय मछुआरों की रिहाई के प्रयास
सरकार श्रीलंका में हिरासत में लिए गए 28 भारतीय मछुआरों 27 तमिलनाडु और एक पुडुचेरी से की रिहाई के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. यह मामला भारत के लिए प्राथमिकता है. साथ ही वैश्विक स्तर पर बढ़ते भारतीय प्रवास के साथ, विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा और कानूनी संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है. भारतीय मिशन इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.