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India Daily

इंडोनेशिया में भारी बाढ़-भूस्खलन के बीच 6.6 तीव्रता का भूकंप आया, पढ़ें सुनामी पर क्या है अपडेट

उत्तरी सुमात्रा प्रांत में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Indonesia
Courtesy: Photo-Social Media X

जाकार्ता: इंडोनेशिया के आचे प्रांत के निकट सुमात्रा द्वीप पर गुरुवार को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि यह द्वीप उष्णकटिबंधीय चक्रवात सहित प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है. रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार, भूभौतिकी एजेंसी ने कहा कि भूकंप 10 किलोमीटर गहरा था और इसमें सुनामी की कोई संभावना नहीं थी.

उत्तरी सुमात्रा प्रांत में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है. एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि सड़कें और संचार माध्यम पूरी तरह से कट जाने के कारण बचाव कार्य भी प्रभावित हुए हैं. इस बीच, देश की मौसम एजेंसी ने कहा कि बुधवार को सुमात्रा द्वीप पर एक दुर्लभ उष्णकटिबंधीय चक्रवात 'सेन्यार' भी आया, जिससे मलक्का जलडमरूमध्य जलमग्न हो गया और स्थिति और बिगड़ गई.

भूस्खलन से सड़कें बंद

 कई गांव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं. बचाव दल भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं क्योंकि ज्यादातर सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, साथ ही दूरदराज के इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है.

इन सबके बीच बुधवार को सुमात्रा के तटीय इलाकों पर एक दुर्लभ उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘सेन्यार’ ने भी दस्तक दी. इंडोनेशिया में उष्णकटिबंधीय चक्रवात बहुत कम आते हैं, इसलिए स्थानीय प्रशासन और लोग इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे. इस चक्रवात ने मलक्का जलडमरूमध्य के आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचाई और समुद्र का पानी कई किलोमीटर अंदर तक घुस गया.

हजारों लोग बेघर

एक साथ तीन बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे सुमात्रा के लोग इस समय बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और राहत सामग्री की भारी कमी बताई जा रही है. इंडोनेशियाई सरकार ने सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी को तुरंत राहत एवं बचाव कार्य में लगा दिया है, लेकिन खराब मौसम और बंद सड़कों के कारण राहत सामग्री प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में देरी हो रही है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इंडोनेशिया जैसे द्वीपसमूहों में चरम मौसमी घटनाएं पहले से कहीं अधिक तीव्र और लगातार हो रही हैं. सुमात्रा की यह त्रि-आपदा इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि प्रकृति का प्रकोप जब एक के बाद एक रूप में आता है, तो उससे निपटना कितना जटिल हो जाता है.