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India Daily

यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने पर बनी 90 प्रतिशत सहमति, जेलेंस्की चाहते हैं ये गारंटी

यह युद्ध फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण के साथ शुरू हुआ था और अब चार साल पूरे होने की कगार पर है.

Gyanendra Sharma
यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने पर बनी 90 प्रतिशत सहमति, जेलेंस्की चाहते हैं ये गारंटी
Courtesy: Photo-Social Media

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की 28 दिसंबर 2025 को फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में हुई मुलाकात ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिशों में नई उम्मीद जगाई है. दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शांति समझौते की दिशा में काफी आगे बढ़ा गया है, हालांकि कुछ जटिल मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं.

यह युद्ध फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण के साथ शुरू हुआ था और अब चार साल पूरे होने की कगार पर है.

मुलाकात से पहले ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दो घंटे से अधिक समय तक फोन पर बात की, जिसे उन्होंने "उत्पादक" बताया. ट्रंप के अनुसार, पुतिन भी युद्ध खत्म करना चाहते हैं और यूक्रेन की पुनर्निर्माण में मदद करने को तैयार हैं, जिसमें सस्ती ऊर्जा सप्लाई शामिल है. जेलेंस्की ने ट्रंप की टीम की सराहना की और कहा कि 20-सूत्री शांति प्रस्ताव पर 90 प्रतिशत सहमति बन चुकी है. इस प्रस्ताव में सुरक्षा गारंटी, आर्थिक पुनर्निर्माण और युद्धविराम जैसे बिंदु शामिल हैं.

जेलेंस्की की मुख्य मांगें

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने लंबी अवधि की सुरक्षा गारंटी पर जोर दिया, जो अमेरिका और यूरोप से नाटो जैसी मजबूत हो. उन्होंने कहा कि शांति योजना पर यूक्रेन, अमेरिका, रूस और यूरोप के हस्ताक्षर होने चाहिए. इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की जल्द बैठक जरूरी है. जेलेंस्की ने प्रस्तावित समझौते को यूक्रेन में जनमत संग्रह के जरिए मंजूरी दिलाने की बात कही, जिसके लिए कम से कम 60 दिनों का युद्धविराम आवश्यक होगा. वे रूस के साथ हर तरह के संवाद के लिए खुले हैं, लेकिन क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं.

मुख्य चुनौतियां

सबसे बड़ा विवाद पूर्वी डोनबास क्षेत्र का है. यूक्रेन इसे विसैन्यीकृत मुक्त आर्थिक क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव दे रहा है, जबकि रूस पूरे क्षेत्र पर दावा ठोक रहा है. इसके अलावा ज़ापोरिज़िया न्यूक्लियर प्लांट का नियंत्रण भी अनसुलझा है. ट्रंप ने स्वीकार किया कि "एक-दो कांटेदार मुद्दे" बाकी हैं, लेकिन वे समझौते के "बहुत करीब" हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द समझौता नहीं हुआ तो रूस और क्षेत्र कब्जा सकता है.

यह मुलाकात अमेरिकी मध्यस्थता की ताजा कवायद है, जिसमें ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ और जैरेड कुशनर सक्रिय हैं. आने वाले हफ्तों में वाशिंगटन या अन्य जगहों पर आगे बातचीत हो सकती है. दोनों नेताओं ने आशावाद जताया, लेकिन रूस की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की मंजूरी के बिना कोई समझौता पूरा नहीं होगा. उम्मीद है कि ये प्रयास यूरोप में स्थायी शांति की दिशा में मील का पत्थर साबित हों.