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India Daily

Young Indian: कांग्रेस से ध्यान हटाने के लिए बनाई गई थी यंग इंडियन, ED ने लगाया बड़ा आरोप

Young Indian: प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में दावा किया कि यंग इंडियन कंपनी को कांग्रेस से ध्यान हटाने के लिए बनाया गया था और इसके जरिए नेशनल हेराल्ड प्रकाशक AJL की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति धोखे से हासिल की गई. ईडी ने इसे कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया षड्यंत्र बताया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Congress leaders
Courtesy: Social Media

Young Indian: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गुरुवार को अदालत में एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि यंग इंडियन नामक कंपनी कांग्रेस पार्टी से ध्यान हटाने के उद्देश्य से बनाई गई थी, और इसके माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का धोखाधड़ी से अधिग्रहण किया गया. ईडी के अनुसार, इस कंपनी के बहुमत शेयरधारक सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं, और यह कांग्रेस पार्टी का ही एक दूसरा रूप है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने अदालत को बताया कि यंग इंडियन को सिर्फ इसलिए अस्तित्व में लाया गया ताकि कांग्रेस पार्टी के प्रत्यक्ष जुड़ाव को छिपाया जा सके और नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी संपत्तियों पर नियंत्रण किया जा सके. बता दें कि AJL वही कंपनी है, जो कभी नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी.

धोखाधड़ी और षड्यंत्र का मामला

ईडी के अनुसार, AJL को कांग्रेस पार्टी की ओर से 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था, और बाद में इस कर्ज के बदले AJL की पूरी संपत्ति यंग इंडियन को सौंप दी गई, जो नियमों और कॉर्पोरेट कानूनों का उल्लंघन है. जांच एजेंसी का कहना है कि यह "धोखाधड़ी और षड्यंत्र" का मामला है, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की सीधी संलिप्तता है.

यंग इंडियन की स्थापना का उद्देश्य

ईडी ने यह भी कहा कि यंग इंडियन की स्थापना का उद्देश्य AJL की अमूल्य संपत्तियों को हड़पना था, और इसके लिए किसी व्यावसायिक लेन-देन या पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया. इन संपत्तियों में दिल्ली, मुंबई, पटना, भोपाल और कई अन्य शहरों में स्थित बहुमूल्य रियल एस्टेट शामिल है, जिसकी बाजार कीमत लगभग 2,000 करोड़ रुपये है.

राजनीतिक बदले की कार्रवाई 

यह मामला सालों से जांच एजेंसियों के दायरे में है, लेकिन हाल के महीनों में इस पर कार्रवाई तेज़ हुई है. यंग इंडियन के खिलाफ चल रही इस जांच में ईडी ने पहले भी कई बार कांग्रेस नेताओं से पूछताछ की है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है और कहा है कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है. पार्टी का दावा है कि पूरा लेन-देन पारदर्शी और कानूनी था. इस मामले की सुनवाई अब भी अदालत में जारी है, और आने वाले दिनों में यह देश की राजनीति और कांग्रेस पार्टी की छवि पर गहरा असर डाल सकता है.