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India Daily

नौकरी और इंडिपेंडेंट बनने की मां को ऐसी 'सनक', नदी में फेंककर अपने ही बेटे की ले ली जान

महाराष्ट्र से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. दरअसल, मां ने नौकरी करने की चाहत में 20 दिन के अपने ही बेटे की जान ले ली.

New Born Boy
Courtesy: X (Representational Image)

मुंबई: महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर आई है जिसे सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाए. एक 22 साल की युवती मां ने अपने सिर्फ 20 दिन के मासूम बच्चे की जान ले ली. 

इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है. उसने यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया क्योंकि वह नौकरी करना चाहती थी और इंडिपेंडेंट बनना चाहती थी. उसे लगता था कि बच्चा उसकी आजादी की राह में रोड़ा बन रहा है.

महिला ने बच्चा चोरी होने का दर्ज कराया केस

17 नवंबर की शाम को यह दिल दहलाने वाली वारदात हुई. पुलिस को पहले तो महिला ने बताया कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसका बच्चा छीनकर भाग गया. इस झूठी कहानी पर पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज किया और बच्चे की तलाश शुरू की. 

हालांकि, जांच के दौरान पुलिस को महिला के बयानों में बार-बार विरोधाभास नजर आया. जब सख्ती से पूछताछ हुई तो आखिरकार उसने सच कबूल कर लिया.

महिला ने मानी खुद मानी अपनी गलती

महिला ने स्वीकार किया कि उसने खुद अपने नवजात बच्चे को वैनगंगा नदी में फेंक दिया था. गोताखोरों की मदद से बच्चे का शव नदी से बरामद कर लिया गया. पुलिस ने तुरंत महिला को गिरफ्तार कर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया.

नौकरी करना चाहती थी महिला

पुलिस की पूछताछ में जो बात सामने आई वह और भी ज्यादा दुखद है. महिला नौकरी करना चाहती थी. वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहती थी और अपना करियर बनाना चाहती थी. 

हालांकि, शादी के बाद और बच्चे के जन्म के बाद उसे घर पर ही रहना पड़ रहा था. उसे लगा कि बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी उसे आजीवन घर की चारदीवारी में कैद रखेगी. इसी मानसिक तनाव और गुस्से में उसने यह सोचा भी नहीं कि वह क्या करने जा रही है. बस एक पल में उसने अपने कलेजे के टुकड़े को नदी में फेंक दिया.

पुलिस क्या कह रही है?

पुलिस अभी इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं महिला पर किसी बाहरी दबाव तो नहीं था. परिवार वाले क्या कहते हैं उसका पति इस बारे में क्या जानता था, ये सारी बातें अभी खंगाली जा रही हैं. लेकिन अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं वे यही बताते हैं कि बच्चे को बोझ समझकर मां ने यह कदम उठाया.