Chhath Puja: दिल्ली में छठ पूजा के मौके पर एक अनोखा और चिंताजनक दृश्य देखने को मिला. यमुना नदी में छठ पूजा के लिए गए कुछ श्रद्धालुओं ने नदी में बहते जहरीले झाग को गलती से शैंपू समझ लिया और बालों में लगाकर सिर धोने लगे. असल में यमुना नदी के पानी में प्रदूषण के कारण यह झाग पैदा हुआ था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन इसे कुछ लोगों ने गलती से शैंपू समझ लिया.
जहरीली हुई यमुना
हेड एंड शोल्डर पर यह झाग वाला शैंपू लगाइए निखर जाएंगे। पॉल्यूशन पास नहीं फटकेगा।#Sarcasm #ChathhPuja #Delhi pic.twitter.com/YAheZdGmC6
— Mukesh Mathur (@mukesh1275) November 7, 2024
छठ पूजा में प्रदूषण से चुनौती
छठ पूजा के दौरान भक्तगण यमुना नदी में स्नान करते हैं और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं लेकिन इस बार, जहरीले झाग ने उनकी धार्मिक आस्था में बाधा डाल दी. श्रद्धालुओं को अस्वच्छ पानी का सामना करना पड़ा, जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हो सकता है. दिल्ली सरकार और प्रशासन ने इस दौरान नदी की सफाई और झाग को हटाने के कई प्रयास किए, लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण ये प्रयास पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए.
लोगों का फूटा गुस्सा
इस घटना के बाद दिल्लीवासियों में सरकार और संबंधित विभागों के प्रति नाराजगी देखी गई. उनका कहना है कि अगर यमुना की सफाई समय रहते होती तो यह स्थिति नहीं उत्पन्न होती. लोगों ने सरकार से मांग की है कि यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं और इसे धार्मिक अवसरों पर सुरक्षित बनाया जाए.
सरकार के प्रयास बेअसर
यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार समय-समय पर योजनाएं बनाती रही है, लेकिन इनका प्रभाव जमीनी स्तर पर नजर नहीं आता. इस बार छठ पूजा के दौरान हुए इस विचित्र अनुभव ने साफ कर दिया कि नदी की सफाई के लिए अधिक प्रभावी और दीर्घकालिक उपायों की जरूरत है. इसके अलावा, लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी पहल की जानी चाहिए ताकि वे नदी के पानी का उपयोग सतर्कता के साथ करें और स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बच सकें.