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असम में दंपंति को घर में बंदकर जिंदा जलाया, जानें ग्रामीणों ने क्यों उठाया ये खौफनाक कदम

असम के कार्बी आंगलोंग जिले में अंधविश्वास के चलते एक दंपती की नृशंस हत्या कर दी गई. ग्रामीणों ने उन्हें जादू-टोना करने का आरोपी बताते हुए पहले हमला किया और फिर घर में जिंदा जला दिया.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
असम में दंपंति को घर में बंदकर जिंदा जलाया, जानें ग्रामीणों ने क्यों उठाया ये खौफनाक कदम
Courtesy: social media

गुवाहाटी: असम के आदिवासी बहुल कार्बी आंगलोंग जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां अंधविश्वास और अफवाहों ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. जादू-टोना करने के संदेह में ग्रामीणों ने एक दंपती पर हमला कर उनकी हत्या कर दी. 

यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में अंधविश्वास किस कदर जानलेवा बन चुका है.

घटना का भयावह विवरण

यह वारदात मंगलवार रात को हाउराघाट क्षेत्र के नंबर-1 बेलोगुरी मुंडा गांव में हुई. पुलिस के अनुसार, कुछ लोगों ने दंपती के घर में घुसकर उन पर धारदार हथियारों से हमला किया. इसके बाद आरोपियों ने पूरे घर में आग लगा दी. आग की लपटों में घिरे दंपती की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

मृतकों की पहचान

इस घटना में मारे गए लोगों की पहचान 43 वर्षीय गर्दी बिरोवा और 33 वर्षीय मीरा बिरोवा के रूप में हुई है. दोनों गांव में रहते थे और साधारण जीवन जी रहे थे. ग्रामीणों का आरोप था कि दंपती जादू-टोना करते थे और इससे गांव में बीमारियां और अन्य बुरे प्रभाव फैल रहे थे.

अंधविश्वास बना वजह

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह इलाका लंबे समय से अंधविश्वास की गिरफ्त में है. अफवाहों और डर के चलते लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं. एक अधिकारी ने कहा कि बिना किसी ठोस सबूत के लोगों को निशाना बनाया जाना बेहद चिंताजनक है और इससे निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है.

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस और सिविल प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. क्षेत्र में जांच शुरू कर दी गई है और आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

कानून और सामाजिक सवाल

असम में जादू-टोना के नाम पर हिंसा करना कानूनन अपराध है. भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ राज्य के विशेष कानूनों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. इस घटना से समाज के सामने एक बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि शिक्षा और जागरूकता के बावजूद अंधविश्वास आज भी जानलेवा क्यों बना हुआ है.