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Shashi Tharoor Case: आखिर इतना भावुक क्यों? शशि थरूर पर केस खत्म करने के मूड में सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ पीएम मोदी को लेकर की गई 2018 की टिप्पणी पर दर्ज आपराधिक मानहानि मामले को बंद करने का संकेत दिया है. कोर्ट ने कहा कि ने ऐसे मामलों को संवेदनशीलता से नहीं देखा जाना चाहिए. फिलहाल मामला स्थगित है और पिछला अंतरिम आदेश लागू रहेगा.

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Edited By: Km Jaya
Shashi Tharoor
Courtesy: Social Media

Shashi Tharoor Case: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ 2018 में प्रधानमंत्री मोदी पर की गई टिप्पणी से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले को बंद करने का सुझाव दिया. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संकेत दिया कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' वाली टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि के मामले को बंद कर दिया जाना चाहिए.

यह मामला न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ के समक्ष आया. शशि थरूर के वकील ने स्थगन का अनुरोध किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी नेता राजीव बब्बर का प्रतिनिधित्व कर रहे शिकायतकर्ता के वकील ने मामले को गैर-विविध दिन पर सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया.

न्यायमूर्ति सुंदरेश की टिप्पणी 

जवाब में, न्यायमूर्ति सुंदरेश ने टिप्पणी की, 'कौन सा गैर-विविध दिन? चलिए इसे बंद कर देते हैं. आप इस सब पर इतना संवेदनशील क्यों होना चाहते हैं? चलिए इसे बंद कर देते हैं. इस तरह, प्रशासक, राजनीतिक हस्तियां और न्यायाधीश एक ही समूह बन जाते हैं, उनकी चमड़ी काफी मोटी होती है. चिंता मत करो.'

मामले की सुनवाई 

वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने जवाब दिया कि मामले की सुनवाई तो होनी ही है. इस पर सहमति जताते हुए, अदालत ने मामले की सुनवाई किसी और दिन के लिए सूचीबद्ध कर दी. लाइव लॉ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल दिया गया अंतरिम आदेश जारी रहेगा.

थरूर की याचिका पर सुनवाई 

पिछले साल 10 सितंबर को थरूर की याचिका पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने कांग्रेस सांसद के खिलाफ दायर मानहानि मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस और मामले में शिकायतकर्ता भाजपा नेता राजीव बब्बर को भी नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था.

आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख

कांग्रेस सांसद ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. थरूर ने राजीव बब्बर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत और 2 नवंबर, 2018 की शिकायत में उन्हें आरोपी के रूप में तलब करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की थी.

थरूर के खिलाफ शिकायत दर्ज

बब्बर ने निचली अदालत में थरूर के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस नेता के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. अक्टूबर 2018 में, थरूर ने दावा किया था कि एक अनाम आरएसएस नेता ने मोदी की तुलना 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' से की थी.