केंद्र सरकार, वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर रही है. वक्फ बोर्ड, किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता है, जिसके खिलाफ केंद्र सरकार विधेयक पेश करने की तैयारी में है. गुरुवार शाम कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में बड़े संशोधनों पर चर्चा की है. वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र पर अंकुश लगाने के लिए भी संशोधन किए जाएंगे. वक्फ बोर्ड का देश के लाखों करोड़ रुपयों की संपत्तियों पर कब्जा है.
पहले वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपनी घोषित कर सकता था लेकिन अब ऐसे नियम बदले जाएंगे. वक्फ बोर्ड की ओर से ऐसे दावे पेश किए जाते हैं तो उनका अनिवार्य वेरिफिकेशन किया जाएगा. उन संपत्तियों का भी सत्यापन किया जाएगा, जिस पर वक्फ और सामान्य व्यक्ति दोनों ने हक जताया है. किसी भी संपत्ति को बिना वेरिफिकेशन के वक्फ को नहीं सौंप दिया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की संभावना है.
कुछ मामलों में वक्फ बोर्ड के पास मनमानी शक्तिया हैं, जिन पर अब लगाम लगाई जाएगी. प्रस्तावित अधिनियम में अहम सुधार किए जाएंगे. इस बोर्ड के पास, अभी किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार है. ऐसी स्थिति में सामान्य नागरिक को अपनी जमीन पर पुख्ता दावा करने में लंबी कोर्ट प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है.
देश भर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां वक्फ के अधिकार क्षेत्र में आती हैं. करीब 9.4 लाख एकड़, वक्फ बोर्डों के अधिकार क्षेत्र में है. रेलवे के बाद, सबसे ज्यादा संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास ही हैं. मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे अलग-अलग समुदायों के लोग इस कानून को बदलने की मांग कर रहे हैं. संशोधन की शुरुआत सरकार बहुत पहले कर चुकी थी.
भारत में ही वक्फ को ऐसे अधिकार मिले हैं. किसी भी इस्लामिक देश ने अपने वक्फ बोर्ड को ऐसे असीमित अधिकार नहीं दिए हैं. साल 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ाई थीं. अब सरकार, इन ताकतों को कुतरने की तैयारी कर रही है. वक्फ बोर्ड के बढ़े अधिकारों की वजह से व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों, राज्य सरकारों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के बीच तकरार भी खूब हुई है.
विधेयक में वक्फ बोर्ड की संरचना बदली जा सकती है. कुछ प्रावधानों को निरस्त किया जा सकता है. वक्फ अधिनियम 1994 के तहत बोर्ड के पास 'औकाफ' को नियंत्रित करने का अधिकार है, इसमें बदलाव किया जा सकता है. इसका मतलब होता है कि जिन संपत्तियों को दान कर दिया गया है और वक्फ के रूप में जिन संपत्तियों को सूचित किया गया है, उन पर भी बोर्ड का अधिकार होता है. सरकार का ध्यान किसी भी संपत्ति पर दावा करने के लिए राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक शक्तियों पर एक अरसे से थी. ज्यादातर राज्यों में इस शक्ति की वजह से परेशानियां पैदा होती थीं.
वक्फ शब्द, अरबी शब्द है. इसका मूल शब्द है वाकुफा, जिसका मतलब होता है ठहरना. यह इस्लामिक बंदोबस्त है, जिस जायदाद को इस्लाम के मानने वाले दान करते हैं. इसका चल और अचल संपत्तियों, दोनों पर अधिकार होता है. वक्फ की संपत्तियां, सिर्फ इस्लामिक काम के लिए ही इस्तेमाल हो सकती हैं.
- वक्फ एक्ट साल 1954 में पास किया गया था. इसे साल 1995 में एक और एक्ट लाकर बदला गया था. इशमें औकाफ को नियंत्रित करने के लिए प्रावधान तय किए गए हैं. इसके तहत, दान और किसी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार मिला था. वकीफ ऐसी संपत्तियों को नियंत्रित कर सकता है.
- सरकार ने इस एक्ट में सुधार करने के लिए प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने के अधिकार पर चाबुक चलेगी.
- यह वक्फ और आम नागरिकों के बीच चल रहे संपत्ति विवाद पर लागू होगा.
- वक्फ बोर्ड के पास किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति के तौर पर चिह्नित करने का अधिकार है. वक्फ के पास 8.7 लाख एकड़ जमीन है. इस पर हर फैसले का हक वक्फ को है.
- वक्फ बोर्ड की संरचना में भी बदलाव किया जा सकता है.