नई दिल्ली: हाल ही में अपनी विदेश यात्रा के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सामने उस वक्त असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब दर्शकों में से एक ने उनसे सवाल पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में सभी न्यायाधीशों की कुर्सियां बराबर ऊंचाई की क्यों नहीं हैं.
सीजेआई को यह सवाल प्रभावी लगा और उन्होंने भारत लौटते ही तुरंत सभी जजों के लिए समान ऊंचाई की कुर्सियां लगाने का आदेश दिया. अब सुप्रीम कोर्ट में सभी जजों की कुर्सियों की ऊंचाई समान कर दी गई हैं.
दरअसल, ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान जब सीजेआई चंद्रचूड़ एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ब्रिटेन गए थे तो कार्यक्रम के दौरान अदालत की ऑनलाइन कार्रवाही देखने वाले एक जिज्ञासू दर्शक ने उनसे पूछा कि क्या आप मुझे बता सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में कुर्सियों की ऊंचाई अलग-अलग क्यों होती है?
इस पर सीजेआई ने कहा कि अलग-अलग न्यायाधीश अलग-अलग समय पर अपनी जरूरत के हिसाब से अपनी कुर्सियां सेट करते रहते हैं, वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि लंबे समय तक बैठे रहने से उन्हें पीठ संबंधी समस्याएं होती हैं.
हालांकि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जब अदालतें खुलीं तो सीजेआई ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जजों की सहूलियत के हिसाब से कुर्सियों का हत्था, पीछे का हिस्सा और कुर्सी का पूरा ढांचा बदल दिया जाए लेकिन कुर्सी की ऊंचाई समान रखी जाए. सीजेआई के आदेश पर ऐसा ही किया गया.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट की कुर्सियां कुछ दशक पुरानी थीं, उन्होंने कहा कि कुर्सियों का मुख्य ढांचा कभी नहीं बदला गया क्योंकि अदालत पारंपरिक डिजाइन को बरकरार रखना चाहती है, हालांकि न्यायाधीशों की आवश्यकता के हिसाब से कुर्सी का पीछे का हिस्सा समय-समय पर बदलता रहा है.