देश भर में नीट-यूजी पेपर लीक केस में जांच एजेंसी सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है. इस पेपर लीक मामले में CBI ने अब तक के जांच में कई संकेत दिए हैं जो इस ओर इशारा करती है कि इस केस में किसी प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ है. जिसमें एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं जो उनका रैकेट नौकरियों के लिए अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं तक भी फैल सकता है. सीबीआई के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक और वाइस प्रिसिंपल मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ-साथ पत्रकार जमालुद्दीन को हिरासत में लेकर जब पुलिस ने पूछताछ की तो वहां से इस बात का संकेत मिला है कि इस पेपर लीक में किसी छोटे-मोटे लोगों का नहीं बल्की बहुत बड़े प्रभावशाली व्यक्तियों का हाथ है.
सूत्रों ने बताया है कि जिन तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है उन सभी के कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है. ताकि उस व्यक्ति की पहचान उजागर की जा सके, जिसकी भनक अब सीबीआई को लगी है.
सूत्रों के मुताबिक अबतक के इस जांच में एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के शामिल होने का पता चला है, जो प्रिंसिपल एहसानुल हक का करीबी माना जा रहा है. कहा जाता है कि उस अधिकारी का हजारीबाग में संदिग्धों के साथ मिलीभगत हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह पिछले कई सालों से बहुत ही चालाकी से काम कर रहा था. जिसका अंदेशा अब तक किसी को नहीं हुआ. वहीं इस तरह की जानकारी मिलने के बाद से एजेंसी ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
CBI ने मामले में शामिल हक, आलम, जमालुद्दीन और अन्य लोगों को आगे की पूछताछ और जिरह करने के लिए फिर से रिमांड पर ले लिया है. चुकी एजेंसी को इन तीनों पर शक गहरा है इसलिए इस रैकेट में इन लोगों की हस्तक्षेप ज्यादा होने का संकेत मिल रहा है. सूत्रों ने जानकारी दी कि प्रिंसिपल एहसानुल हक और वाइस प्रिसिंपल मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ-साथ पत्रकार जमालुद्दीन के पास काफी अच्छी खासी संपत्ति है और पॉश इलाकों में उनके तीन से चार फ्लैट हैं. सीबीआई को शक है कि इन लोगों ने अपनी संपत्ति को ऐसे ही अर्जित किया है.
दो दिन पहले भी सीबीआई ने धनबाद से एक संदिग्ध अमन सिंह को गिरफ्तार किया था जिनसे पूछताछ की जा रही है. एजेंसी इससे भी हजारीबाग का लिंक खंगाल रही है, वहीं इस मामले में अमन सिंह के भाई की तलाश पुलिस कर रही है.
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने 22 जून को नीट-यूजी परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और इस मामले में अब तक पांच राज्यों से 33 लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं.