PM Modi Cabinet: नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उन्हें संसदीय दल का नेता चुना गया है. एनडीए ने राष्ट्रपति के सामने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है. 9 जून को शपथ समारोह होगा. नरेंद्र मोदी के पीएम पद की शपथ लेने के साथ ही उनके तीसरे कार्यकाल की शुरुआत हो जाएगी. इस बार उन्हें एनडीए में शामिल सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना होगा. क्योंकि बीजेपी अकेले बहुमत नहीं हासिल कर पाई है. ऐसे में इस बार मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है. इस बार सरकार में मंत्रियों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है. क्योंकि बीजेपी अपने सभी सहयोगियों को कोई न कोई मंत्रालय देकर उन्हें खुश करना चाहेगी. आइए जानते हैं कि संविधान में मंत्रिमंडल को लेकर क्या कहा गया है? सरकार में कितने मंत्री हो सकते हैं? देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय मंत्रिमंडल में कितने सदस्य थे और आगे चलकर कैबिनेट में कैसे विस्तार हुआ?
भारत के संविधान में केंद्रीय कैबिनेट की सदस्यों की संख्या का विवरण दिया गया है. संविधान का अनुच्छेद 74 कहता है कि एक सरकार में एक मंत्रिपरिषद होगी. इसका मुख्य प्रधानमंत्री होता है. प्रधानमंत्री के सुझाव पर राष्ट्रपति पीएम के मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों पर सहमति देगा.
संविधान की मानें तो किसी भी सरकार में मंत्रियों की संख्या अधिकतम लोकसभा सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी तक हो सकती है. इस फॉर्मूले के तहत किसी सरकार में अधिकतम 81 मंत्री हो सकते है. इस संख्या से ज्यादा मंत्रियों की संख्या नहीं हो सकती.
आजादी के 77 सालों में सरकार के कामकाज से लेकर मंत्रिमंडल के गठन तक में बड़े परिवर्तन हुए हैं. भारत की पहली कैबिनेट यानी 1947 में सिर्फ 14 मंत्री थे. 1952 में जब आम चुनाव हुए. कांग्रेस ने चुनाव जीता और जवाहरलाल नेहरू पीएम बने तो उनकी कैबिनेट में 21 मंत्री शामिल थे. धीरे-धीरे करके कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़ती गई.
जवाहरलाल के मंत्रिमंडल में सबसे कम मंत्रियों के शपथ ली तो अटल बिहार वाजपेयी ने 1999 में सबसे ज्यादा 70 मंत्रियों के साथ शपथ ली. आगे चलकर मंत्रियों की संख्या 80 तक पहुंच गई थी. साल 2009 में मनमोहन सिंह ने 20 मंत्रियों के साथ शपथ ली और आगे चलकर मंत्रियों की संख्या 79 तक पहुंच गई.
मोदी सरकार के पिछले दो कार्यकाल में मंत्रियों की संख्या 46 से बढ़कर 78 तक पहुंच गई थी. अब मोदी 3.0 में मंत्रिमंडल में कितने मंत्री होंगे? अभी यह सवाल बना हुआ है.
2014 में पीएम मोदी ने 46 तो 2019 में 58 मंत्रियों के साथ शपथ ली आगे चलकर ये संख्या 78 तक पहुंच गई थी. अब सवाल ये है कि इस बार 9 जून को पीएम मोदी कितने मंत्रियों के साथ साथ शपथ लेंगे और आने वाले समय में कैबिनेट विस्तार के दौरान कितने मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में जगह देंगे.
मोदी की 3.0 सरकार में टीडीपी, जेडीयू, एलजेपी समेत एनडीए में शामिल अन्य दलों की भागीदारी बढ़ जाएगी. बीजेपी इन दलों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए मजबूर है.
नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्रिमंडल में 24 राज्यों की भागीदारी थी. मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा राज्यों की भागीदारी नरसिम्हा राव की कैबिनेट में थी. उनकी सरकार में 26 राज्यों के सदस्य मंत्री थे. इस बार मोदी की एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में राज्यों की भागीदारी भी बढ़ सकती है. एनडीए में शामिल दलों अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखते हैं.