मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में गुरुवार रात करीब 300-400 लोगों की भीड़ ने पुलिस सुपरिटेंडेंट (एसपी) के कार्यालय पर हमला करने की कोशिश की. इस घटना से पहले इसी जिले के एक हेड कांस्टेबल को कुछ हथियारबंद लोगों के साथ कथित तौर पर देखे जाने का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद उसको सस्पेंड कर दिया गया था.
मणिपुर पुलिस ने बताया कि भीड़ द्वारा पथराव और हिंसक गतिविधियों के बाद स्थिति को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे. सुरक्षा बलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) भी शामिल है.
पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया, "लगभग 300-400 लोगों की भीड़ ने आज एसपी सीसीपी के कार्यालय पर पथराव आदि कर हमला करने की कोशिश की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले दागकर उचित जवाब दे रहा है. स्थिति पर नजर रखी जा रही है."
Mob numbering approx. 300–400 attempted to storm the office of SP CCP today, pelting stones, etc. The SF, including the RAF, is responding appropriately by firing tear gas shells to control the situation. Things are under watch..
— Manipur Police (@manipur_police) February 15, 2024
रिपोर्ट के अनुसार हेड कांस्टेबल सियामलाल पॉल को सस्पेंड कर दिया गया था. सोशल मीडिया पर उसके "हथियारबंद लोगों" के साथ और "ग्रामीण वालंटियर्स के साथ बैठने" का एक वीडियो वायरल हो गया था.
पुलिस आदेश के अनुसार एक अनुशासित पुलिस बल के सदस्य होने के नाते यह बहुत गंभीर बात है. इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
इस सस्पेंड के बाद, लगभग 400 की भीड़ ने एसपी कार्यालय पर धावा बोल दिया और आग लगाने की भी कोशिश की. जल्द ही हिंसा शहर के अन्य हिस्सों में फैल गई और मिनी सचिवालय से आगजनी की सूचना भी मिली है.
वहीं पुलिस आदेश में कहा गया है, "चुराचांदपुर जिला पुलिस के सियामलाल पॉल के खिलाफ विभागीय जांच पर विचार किया जा रहा है. सियामलाल पॉल को बिना पूर्व अनुमति के थाने से बाहर नहीं जाने और उसका वेतन व भत्ते नियमों के अनुसार सीमित कर दिए हैं."
वहीं पुलिस एक्शन के विरोध में कुकी-जो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ITLF ने एक बयान में कहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई और कम से कम 25 अन्य लोग घायल हो गए.
ITLF ने चेतावनी दी है कि अगर एसपी निष्पक्षता से काम नहीं कर सकते हैं तो उन्हें किसी भी आदिवासी क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। संगठन ने SP को 24 घंटे के भीतर जिले से निकलने का अल्टीमेटम दिया है.