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India Daily

अमेरिका का भारत को एक और झटका, सीनेटर ने की स्टूडेंट वीजा के बाद इस परमिट पर रोक लगाने की मांग

अमेरिका में रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासली ने छात्र वीजा धारकों को मिलने वाले वर्क परमिट बंद करने की मांग उठाई है. इससे भारतीय छात्रों को एक और झटका लग सकता है. 

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Edited By: Kuldeep Sharma
republican senator chuck grassley
Courtesy: social media

भारत पिछले साल अमेरिका में सबसे ज्यादा छात्र भेजने वाला देश बना था. 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्र वहां उच्च शिक्षा ले रहे हैं. लेकिन अब ट्रंप प्रशासन की नई वीजा नीतियों और रिपब्लिकन सीनेटर की मांग ने इन छात्रों की चिंता और बढ़ा दी है.

खासकर ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) प्रोग्राम पर खतरा मंडराने लगा है, जिसके जरिए छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद 12 से 36 महीने तक काम कर पाते हैं.

सीनेटर की सख्त मांग

सीनेटर चक ग्रासली ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) से कहा है कि छात्र वीजा धारकों को वर्क परमिट देना सीधे कानून का उल्लंघन है और इससे अमेरिकी नागरिकों के रोजगार पर असर पड़ता है. उन्होंने यहां तक दावा किया कि इससे टेक और कॉर्पोरेट जासूसी का खतरा भी बढ़ सकता है. ग्रासली ने DHS सचिव को पत्र लिखकर इस नीति को तुरंत खत्म करने की मांग की है.

H-1B फीस और नए नियम

यह मांग ऐसे समय पर आई है जब ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा फीस 100,000 डॉलर तक बढ़ा दी है. हालांकि यह फीस केवल नए आवेदकों के लिए लागू होगी. पहले से काम कर रहे या नवीनीकरण कराने वाले लोगों को फिलहाल राहत मिलेगी. व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम सुनिश्चित करेगा कि अमेरिका में केवल वही विदेशी कामगार आएं जिनकी जरूरत अत्यधिक कुशल नौकरियों में है.

भारतीय छात्रों पर सीधा असर

अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र सबसे बड़ी संख्या में हैं. 2024 में 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ रहे थे, जिनमें से करीब दो लाख ग्रेजुएट लेवल के हैं. लेकिन नए प्रतिबंधों के बाद छात्रों के बीच असमंजस है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2025 की फॉल सेशन में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों का दाखिला लगभग 50% तक घट सकता है. इसमें भारतीय छात्रों की संख्या भी आधी होने का अनुमान है.

'अमेरिकन ड्रीम' पर खतरा

भारतीय छात्र लंबे समय से अमेरिका को उच्च शिक्षा और करियर के लिए सबसे बड़ा गंतव्य मानते रहे हैं. 2023 में ही करीब 4.65 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए गए, जिनमें से सबसे ज्यादा ने अमेरिका को चुना. लेकिन लगातार सख्त होती वीजा नीतियों और OPT प्रोग्राम पर रोक जैसे कदम छात्रों को अमेरिका जाने से हतोत्साहित कर सकते हैं. अब वे कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकल्पों की ओर झुकाव दिखा रहे हैं.