गुजरात के अहमदाबाद में रविवार (15 जून) को सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के अधिकारियों ने उस विमान दुर्घटना स्थल का सर्वेक्षण किया, जिसमें एयर इंडिया के विमान हादसे में कम से कम 271 लोगों की जान चली गई. परिवार अभी भी डीएनए प्रोफाइलिंग के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि जले हुए शवों की पहचान हो सके. NTSB के साथ-साथ अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) के अधिकारी भी पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में अहमदाबाद के दुर्घटना स्थल पर जांच कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जिसमें 242 लोग सवार थे, अहमदाबाद में टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही ऊंचाई खोने लगा. विमान नीचे इमारतों से टकराया और एक विशाल अग्निकांड में तब्दील हो गया. विमान में सवार केवल एक व्यक्ति को छोड़कर सभी की मौत हो गई, जबकि जमीन पर लगभग 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई. यह पिछले एक दशक की सबसे भीषण विमानन त्रासदी है.
जांच में इंजन, फ्लैप्स और लैंडिंग गियर पर फोकस
एयर इंडिया और भारतीय सरकार दुर्घटना के कई पहलुओं की जांच कर रही है, जिसमें इंजन की थ्रस्ट, फ्लैप्स की समस्या, और टेकऑफ के दौरान लैंडिंग गियर के खुले रहने जैसे मुद्दे शामिल हैं. अमेरिकी परिवहन विभाग के सचिव सीन डफी ने शुक्रवार को कहा, "हम NTSB की जांच से सामने आने वाली किसी भी सिफारिश पर कार्रवाई करेंगे." बोइंग और जीई, जिनके इंजन इस विमान में उपयोग किए गए थे, ने भी अपनी टीमें भारत भेजी हैं.
भारत करेगा जांच का नेतृत्व
FAA ने कहा कि भारत इस जांच का नेतृत्व करेगा, जबकि NTSB अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में सहायता प्रदान करेगा और FAA तकनीकी समर्थन देगा. बोइंग के अधिकारी भी विभिन्न मापदंडों की जांच करेंगे, जिसमें लैंडिंग का कोण भी शामिल है. रविवार को दुर्घटना स्थल पर NTSB सहित लगभग 10 अधिकारी मौजूद थे.
डीएनए प्रोफाइलिंग से शवों की पहचान
अहमदाबाद के मुख्य अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक रजनीश पटेल ने बताया, "हादसे के 32 पीड़ितों के डीएनए नमूनों का मिलान सफल, रहा है. इन शवों को उनके परिवारों को सम्मान के साथ सौंपा जा रहा है.". जले हुए शवों की पहचान के लिए डॉक्टर डेंटल सैंपल और डीएनए प्रोफाइलिंग का सहारा ले रहे हैं.
एयर इंडिया और बोइंग के लिए नई चुनौती
यह हादसा एयर-मंडिया के लिए. जिसने अपने बेड़े को नया करने की कोशिश की थी, और बोइंग के लिए. जो सुरक्षा और उत्पादन संकटों के बाद जनता का विश्वास बहाल करने में जूझ रहा है, एक नई चुनौती पेश करता है. भारत के उड्डयन नियामक ने स्थानीय वाहकों द्वारा संचालित सभी बोइंग 787 विमानों की जांच के आदेश दिए हैं.