नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अगले सप्ताह शुरू होने वाले 30वें कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP30) शिखर सम्मेलन से पहले कहा कि ब्राजील ने उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण के लिए एक नई वैश्विक पहल ‘ट्रॉपिकल फॉरेस्ट्स फॉरेवर फ़ैसिलिटी (TFFF)’ का प्रस्ताव पेश किया है. यह एक 'पे फॉर परफॉर्मेंस' यानी प्रदर्शन-आधारित निधि होगी, जो उष्णकटिबंधीय वनों को बचाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बहुपक्षीय तंत्र बन सकती है.
इस योजना के तहत, उपग्रहों द्वारा सत्यापित संरक्षण कार्यों के आधार पर देशों को स्थिर भुगतान किया जाएगा, जिसमें 20% धनराशि मूल निवासियों के लिए आरक्षित होगी. इसका उद्देश्य वनों की कटाई के आर्थिक प्रोत्साहनों को कम कर सतत विकास को बढ़ावा देना है.
भूपेंद्र यादव ने कहा कि दुनिया कार्बन उत्सर्जन में कमी और जैव विविधता संरक्षण में उष्णकटिबंधीय वनों की अहम भूमिका को मान्यता दे रही है. ब्राजील जैसे देश, जिनके पास अमेजन जैसे विशाल वन भंडार हैं, इस दिशा में नेतृत्व करने की विशिष्ट स्थिति में हैं.
अमेजन के केंद्र बेलेम शहर में आयोजित होने वाला COP30, पेरिस समझौते की 10वीं वर्षगांठ को भी चिह्नित करेगा. यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव (यूक्रेन और गाजा संघर्ष जैसे मुद्दों) के बावजूद दुनिया को जलवायु मुद्दों पर एकजुट होने की आवश्यकता है.
भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत, वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में समानता और न्यायपूर्ण वार्ता की वकालत करता है. उन्होंने कहा कि संकेतक देशों की राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप होने चाहिए और डेटा संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए. विकासशील देशों को अनावश्यक बोझ से बचाने के लिए लचीलापन जरूरी है.
भूपेंद्र यादव ने बताया कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति की है. 2014 में 2.7 गीगावाट से बढ़कर अब 127 गीगावाट तक की क्षमता हासिल की है, जो लगभग 45 गुना वृद्धि है. उन्होंने कहा कि भारत ने एलएमडीसी और ब्रिक्स जैसे समूहों के साथ मिलकर उत्सर्जन तीव्रता में कमी लाई है.
दिल्ली के वायु प्रदूषण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बीएस-6 ईंधन और औद्योगिक नियंत्रण उपायों से प्रगति हुई है, हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी भी चुनौती बना हुआ है. वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि चीतों की तीसरी पीढ़ी का जन्म और वन क्षेत्र में निरंतर वृद्धि देश को दुनिया में तीसरे स्थान पर रखती है.
भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह सम्मेलन पेरिस समझौते के बाद बहुपक्षवाद में विश्वास बहाल करने का अवसर है. भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंचामृत सिद्धांतों’ से प्रेरित होकर विज्ञान और अध्यात्म को जोड़ते हुए नैतिक संवाद को आगे बढ़ाएगा.
11 नवंबर से शुरू होने वाला COP30 जलवायु सम्मेलन वैश्विक सहयोग और सतत विकास के लिए एक निर्णायक मंच बनने जा रहा है, जहां भारत समानता, लचीलापन और न्यायपूर्ण बदलाव के एजेंडे को प्रमुखता से रखेगा.