हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रविवार को हुए एक पैराग्लाइडिंग हादसे ने सुरक्षा मानकों और प्रशासनिक निगरानी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस दर्दनाक हादसे में गुजरात के 25 वर्षीय युवक सतीश राजेशभाई की मौत हो गई. शुरुआती जांच में सामने आया है कि जिस टेकऑफ साइट से उड़ान भरी गई, वह वन भूमि पर अवैध रूप से स्थित थी, जिसे किसी अधिकृत अनुमति के बिना ही उपयोग में लाया जा रहा था.
धर्मशाला के बनकोटू इलाके में स्थित यह टेकऑफ साइट लगातार बारिश के चलते दलदली हो चुकी थी. उड़ान के दौरान पैर फिसलने से ग्लाइडर सीधे 30 फीट नीचे खाई में गिर गया. घटना के समय ग्लाइडर की कमान सूरज नामक पायलट के हाथों में थी, जो "हाईफ्लाई पैराग्लाइडिंग" नामक निजी कंपनी का मालिक है. चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस साइट से उड़ान हुई वहां कोई मार्शल मौजूद नहीं था, और न ही इसे पर्यटन विभाग या प्रशासन से कोई अनुमति प्राप्त थी.
जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान ने हादसे को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और स्पष्ट किया कि यह घटना टैंडम पायलट की गंभीर लापरवाही का परिणाम है. उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिना मार्शल वाली साइट से उड़ान प्रतिबंधित है. बनकोटू की यह साइट न तो तकनीकी रूप से सुरक्षित थी और न ही इसे आधिकारिक स्वीकृति प्राप्त थी. इसके बावजूद यहां से व्यावसायिक उड़ानें जारी थीं, जो नियमों की खुली अवहेलना है.
धर्मशाला में गुजरात टूरिस्ट की मौत गिरने से ।
— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) July 14, 2025
कुछ सालों में देश में एडवेंचर स्पोर्ट्स में कई मौत हुई है । सुरक्षा के मानक के बिना इसके इतने सेंटर खुल गए कि जोखिम बढ़ गया है pic.twitter.com/sL3UMkIdYw
स्थानीय पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने बिना किसी अनुमति के बनकोटू क्षेत्र को टेकऑफ साइट में बदल दिया था. यहां खुदाई, मिट्टी भराई और निर्माण जैसे कार्य अवैध रूप से किए गए थे, जिस पर वन विभाग ने पहले ही जुर्माना लगाया था. तकनीकी समिति की रिपोर्ट में भी इस स्थल को पूरी तरह से असुरक्षित करार दिया गया था. इसके बावजूद प्रशासन ने इसे समय पर बंद नहीं कराया, जिससे ऐसी दुखद घटना घटी. एएसपी कांगड़ा अदिति सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.