Odisha Burn Case: ओडिशा के पुरी जिले में तीन बदमाशों द्वारा आग के हवाले की गई 15 वर्षीय किशोरी को बेहतर इलाज के लिए रविवार को एयरलिफ्ट कर दिल्ली स्थित एम्स लाया गया. किशोरी को पहले एम्स भुवनेश्वर में भर्ती किया गया था, जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भुवनेश्वर डीसीपी जगमोहन मीणा ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर से बिजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक मरीज को ले जाने के लिए 'ग्रीन कॉरिडोर' बनाया गया था. एक प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया और ट्रैफिक को पूरी तरह नियंत्रित किया गया.
ट्रैफिक डीसीपी तपन कुमार मोहंती के अनुसार, मरीज को लेकर एंबुलेंस मात्र 10 से 12 मिनट में एम्स से एयरपोर्ट पहुंची. एंबुलेंस में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम और विशेष मेडिकल टीम भी तैनात थी. इसके बाद उसे एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया, जहां उसे AIIMS दिल्ली में भर्ती किया गया.
एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. अशुतोष बिस्वास ने बताया कि किशोरी 75 प्रतिशत जल चुकी है, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित हो गया है. इसलिए दिल्ली शिफ्ट करना सुरक्षित माना गया.
घटना शनिवार को पुरी जिले के बालंगा थाना क्षेत्र स्थित बयाबर गांव के पास भर्गवी नदी किनारे की है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तीन बाइक सवार युवकों ने किशोरी को जबरन रोका, नदी किनारे ले गए और ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी. आरोपी मौके से फरार हो गए. स्थानीय लोगों ने आग बुझाई और लड़की को पहले पिपिली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे AIIMS भुवनेश्वर रेफर किया गया.
शनिवार को किशोरी होश में आई और ICU में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उसका बयान दर्ज किया गया. यह बयान जांच में अहम भूमिका निभाएगा. पुलिस के मुताबिक, किशोरी आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ चुकी थी और उसके पिता एक मोटर गैराज में काम करते हैं. उसकी मां ने बालंगा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने शनिवार को बयान दिया था कि यदि स्वास्थ्य स्थिति इजाजत दे तो सरकार उसे दिल्ली भेजेगी, ताकि बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जा सके.