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ये हैं असली 'संदीप भैया'! 28 साल से तैयारी, 73 प्री और 43 मेन्स के बाद भी नहीं मानी हार

UPSC Aspirant Pushpendra Srivastava: मुखर्जी नगर में रहकर 28 साल से तैयारी कर रहे पुष्पेंद्र श्रीवास्तव अभी भी हार मानने को तैयार नहीं हैं और उनका संकल्प है कि अधिकारी बनकर ही रहेंगे.

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Edited By: India Daily Live
Pushpendra Srivastava
Courtesy: India Daily Live

इस साल UPSC का रिजल्ट आने के बाद परीक्षा में सफल होने वाले लोगों, उनकी सफलता और संघर्ष की कहानियों की खूब चर्चा हो रही है. इस बीच कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जो आखिरी प्रयास में सिलेक्ट हो गए हैं तो कुछ के हाथ एक बार फिर मायूसी ही आई है. ऐसे वक्त में हार मानने वाले युवाओं को मुखर्जी नगर में रहकर तैयारी करने वाले पुष्पेंद्र श्रीवास्तव की कहानी जरूर जाननी चाहिए. पुष्पेंद्र भैया के नाम से मशहूर यह शख्स वेब सीरीज Aspirants के किरदार 'संदीप भैया' की याद दिलाते हैं. वही, संदीप भैया जो सबको गाइड करते थे लेकिन खुद रह जाते थे. 

48 साल के हो चुके पुष्पेंद्र श्रीवास्तव के पास अब गिनती के ही मौके बचे हैं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी है. 1996 से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार कर रहे पुष्पेंद्र ने इन 28 सालों में UPSC और राज्यों के PSC की परीक्षाओं को मिलाकर कुल 73 प्रीलिम्स और 43 मेन्स परीक्षाएं दी हैं. 8 बार वह इंटरव्यू तक भी पहुंचे हैं लेकिन फाइनल सिलेक्शन नहीं मिला है. कुछ ही दिनों में वह मध्य प्रदेश पीसीएस का इंटरव्यू देने वाले हैं जो उनका नौवां इंटरव्यू होगा.

कई दोस्त बन गए IAS, IPS

हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले पुष्पेंद्र श्रीवास्तव मशहूर आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा के भी रूममेट रहे हैं. इतने सालों से मुखर्जी नगर में रहने वाले पुष्पेंद्र को हर UPSC एस्पिरेंट सम्मान की नजर से देखता है और उनसे मदद भी लेता है. इतने सालों से लगातार परीक्षाएं दे रहे पुष्पेंद्र ने अभी तक शादी भी नहीं की है. वह बताते हैं कि आज तक वह किसी भी परीक्षा के प्रीलिम्स में फेल नहीं हुए. कई बार परीक्षाएं साथ-साथ पड़ने की वजह से कुछ मेन्स एग्जाम छोड़ने जरूर पड़ गए.

मनोज शर्मा के रूम पार्टनर रहने के अलावा पुष्पेंद्र को एक और वजह से जाना जाता है. मध्य प्रदेश के छतरपुर से आने वाले पुष्पेंद्र के साथ चर्चित शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने भी UPSC की तैयारी की है. अभी भी पुष्पेंद्र का संकल्प है कि उन्हें अधिकारी ही बनना है. जहां रिजल्ट के बाद असफल हुए कई युवा निराश हैं वहीं पुष्पेंद्र के चेहरे पर शिकन तक नहीं है. अभी भी उनका कहना है कि मुखर्जी नगर से लौटेंगे तो अधिकारी बनकर ही लौटेंगे. पुष्पेंद्र अब तैयारी करने के साथ-साथ एक कोचिंग में पढ़ाते भी हैं और अच्छा-खासा पैसा भी कमाते हैं.

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