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Success Story: बिना कोचिंग किए UPSC पास कर गया टैक्सी ड्राइवर का बेटा, ये कहानी आपमें भी भर देगी जोश

शिवम ने बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा में 457वीं रैंक हासिल की है. आज शिवम के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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माता-पिता और बड़ी बहन के साथ शिवम

हरियाणा के रेवाड़ी के गुलाबी बाग के रहने वाले  शिवम आज सुर्खियों में छाए हुए हैं और इसकी वजह भी बेहद खास है. दरअसल शिवम ने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी (UPSC) में 457वीं रैंक हासिल की है.

बेटे की कामयाबी पर पिता के छलते आंसू

शिवम के पिता हरदयाल रेवाड़ी में टैक्सी चालक हैं. शिवम के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. हर पिता की तरह हरदयाल भी पिता की कामयाबी पर अपनी खुशी जाहिर करने से बचते हैं लेकिन ना चाहते हुए भी उनकी आंखों से आंसू छलक जाते हैं.

मां बोली- बचपन से ही मेधावी था मेरा बेटा

बेटे की कामयाबी पर शिवम की मां भी फूली नहीं समा रही हैं. मां कमलेश कहती हैं कि उनका बेटा बचपन से ही मेधावी रहा है. उसने जवाहर विद्यालय से स्कूलिंग की है. इसके बाद आईआईटी गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग की.

खुशी से भरा बड़ी बहन का गला
शिवम की बड़ी बहन पूजा भी छोटे भाई की कामयाबी पर बेहद खुश है. भाई के बारे में बात करते हुए उसका गला भर आया. पूजा कहती हैं कि उन्हें शुरू से उम्मीद थी कि उनका छोटा भाई जरूर कामयाब होगा. उन्होंने कहा कि छोटा भाई बच्चों की तरह होता है और जब बच्चे सफल होते हैं तो खुद की कामयाबी से ज्यादा खुशी होती है.

तीसरे प्रयास में मिली सफलता
सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद शिवम ने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने की ठानी. पहले दो प्रयास में शिवम असफल रहे लेकिन तीसरे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई. शिवम ने बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा में 457वीं रैंक हासिल की है.

वहीं बेटे की कामयाबी पर बात कर करते हुए पिता हरदयाल ने कहा कि शिवम ने यूपीएससी पास करने की ठान ली थी तो हमने भी उसका साथ दिया. आज शिवम जो कुछ भी है वह उसकी मेहनत का ही नतीजा है. शिवम की मां पोस्टग्रेजुएट हैं, जबकि उनकी दूसरी बड़ी बहन संजू राव असम के केंद्रीय विद्यालय में फिजिक्स की प्रोफेसर हैं.