यूपीएससी (UPSC) यानी देश की सर्वोच्च परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के जश्न मनाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इन्हीं में से एक वीडियो बुलंदशहर के रहने वाले पवन कुमार का भी है जो अपने मिट्टी के घर में फूंस के छप्पर के नीचे अपने परिजनों को मिठाई बांटकर बेहद शांति के साथ अपनी सफलता का जश्न मना रहे हैं. पवन ने यूपीएससी की परीक्षा में 239वीं रैंक हासिल की है.
हमारे पास गैस सिलेंडर खरीदने के भी पैसे नहीं
बेटे की सफलता से मां गदगद है. मीडिया से बातचीत में पवन की मां सुमन देवी कहती हैं, 'बेटे की सफलता पर बहुत खुशी हो रही है. हम बड़ी मेहनत मजूरी कर यहां तक पहूंचे हैं. बारिश में छप्पर टपकता है जिससे काफी परेशानी होती है. हमारे पास तो इतने भी पैसे नहीं कि एक गैस सिलेंडर ले सकें, इसलिए हम आज भी चूल्हा जलाते हैं. मैं मजदूरी करती थी...वह शांति में अपने मोबाइल से पढ़ाई करता था.'
#WATCH | Bulandshahr, Uttar Pradesh: Pawan Kumar's mother Suman Devi says, "I feel good that we got to see this day. We have a thatch roof which leaked when it rained. It caused us a lot of trouble. We don't have money to be able to afford a gas cylinder, that's why we still use… pic.twitter.com/DdO3jDm6xV
— ANI (@ANI) April 17, 2024
'पूरी रात भूख-प्यास में निकल जाती थी'
वहीं पवन के पिता मुकेश कहते हैं कि हमारे पास तो तीन चार बीघे खेती है. तीन-चार बीघे वाला ना किसान होता है न मजदूर. अपने अपने घर को बनाने पर ध्यान नहीं दिया. मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों को पढ़ाया. मुकेश कुमार आगे कहते हैं कि बारिश में छप्पर टपकता था इसलिए पूरा परिवार एक जगह सिकुड़कर बैठ जाता था. पूरी रात बैठे-बैठे भूखे प्यासे निकल जाती थी. बेटा सब देख रहा था उसने कहा कि पापा मुझे पढ़ना है...आज भगवान ने हमारी सुन ली.
#WATCH | Bulandshahr, Uttar Pradesh: Pawan Kumar's father Mukesh Kumar says, "His hard work, and with our support to him irrespective of our circumstances, we have brought him to this stage... We did all sorts of odd jobs to be able to afford his and our daughters' education. We… pic.twitter.com/qKO2cZWR5f
— ANI (@ANI) April 17, 2024
'एक ही चारपाई पर सो जाता था पूरा परिवार'
वहीं पवन की छोटी बहन गोल्डी बताती हैं कि भाई को शांति पसंद थी वह शांति में पढ़ाई करता रहता था. जब लाइट चली जाती थी तो वो डिबिया से पढ़ाई करता था. रहने के लिए हमारे पास घर भी नहीं था. बारिश में छप्पर टपकने पर हम बर्तन वगैरह रख कर अपना सामान बचाते थे. घर के चारों पांचों लोग एक ही खाट (चारपाई) पर सो जाते थे. गोल्डी ने आगे कहा कि भाई को मोबाइल की जरूरत थी पिता ने बड़ी मेहनत से पैसे जोड़कर भाई के लिए मोबाइल खरीदा था. आज उसकी मेहनत रंग लाई है.
#WATCH | Bulandshahr, Uttar Pradesh: Pawan Kumar's sister Goldie says, "We lived in a peaceful environment and he liked silence. He lived and studied under this roof, and when there was no electricity, he would study in the light of the kerosene lamp. We did all sorts of odd jobs… pic.twitter.com/85udUrqPxQ
— ANI (@ANI) April 17, 2024