Tata Sons Trust: अहमदाबाद में हाल ही में हुई एयर इंडिया की उड़ान AI-171 की दुखद दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस त्रासदी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए टाटा संस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अल-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के गठन और पंजीकरण की घोषणा की है. यह ट्रस्ट मुंबई से संचालित होगा और इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ितों, उनके परिवारों और इस घटना से प्रभावित अन्य लोगों को तत्काल और दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है. टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स ने इस नेक पहल के लिए संयुक्त रूप से 500 करोड़ रुपये का योगदान देने का संकल्प लिया है.
इसमें से प्रत्येक ने 250 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है. इस सहायता योजना के तहत निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी. घायलों के लिए व्यापक चिकित्सा उपचार और देखभाल सुनिश्चित की जाएगी. बीजे मेडिकल कॉलेज छात्रावास सहित क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. इस पहल के माध्यम से टाटा समूह ने न केवल पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया है.
Tata Sons today forms a public charitable trust in Mumbai, called 'The Al-171 Memorial and Welfare Trust', dedicated to the victims of the accident of Air India flight Al-171 in Ahmedabad. pic.twitter.com/41ur2GrX7I
— ANI (@ANI) July 18, 2025
प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं और राहत कार्यकर्ताओं का सम्मान
अल-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट का दायरा केवल पीड़ितों तक सीमित नहीं है. यह ट्रस्ट उन प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं, चिकित्सा पेशेवरों, आपदा राहत कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों को भी सहायता प्रदान करेगा, जिन्होंने इस त्रासदी के बाद राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन नायकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और वित्तीय सहायता की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उनकी मेहनत और समर्पण को उचित सम्मान मिल सके.
ट्रस्ट का संचालन और प्रबंधन
इस ट्रस्ट का प्रबंधन एक पांच सदस्यीय न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाएगा. बोर्ड की पहली दो नियुक्तियों में टाटा समूह के पूर्व दिग्गज श्री एस. पद्मनाभन और टाटा संस के जनरल काउंसल श्री सिद्धार्थ शर्मा शामिल हैं. शेष सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही पूरी की जाएगी. कर अधिकारियों के साथ अंतिम पंजीकरण और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के बाद ट्रस्ट का कार्य शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है.