महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में बीते 26 मई से 1 जून 2025 तक स्पेनिश नौसेना का जहाज ईएसपीएस रीना सोफिया, जिसका नेतृत्व कमांडर सल्वाडोर मोरेनो रेगिल कर रहे हैं, और इतालवी नौसेना का जहाज आईटीएस एंटोनियो मार्सेलिया, जिसका नेतृत्व कमांडर अल्बर्टो बार्टोलोमियो कर रहे हैं, ऑपरेशनल टर्नअराउंड के लिए मौजूद हैं . ये दोनों ही जहाज वर्तमान में यूरोपीय संघ नौसेना बल (ईयूएनएवीएफओआर) के तहत संचालित हो रहे हैं.
दरअसल, यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूरोपीय संघ के तत्वावधान में भारत का पहला ऐसा दौरा है. यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई चर्चाओं का परिणाम है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
नौसैनिक सहयोग को मिली मजबूती
ईयूएनएवीएफओआर की ओर से ऑपरेशन अटलांटा के फोर्स कमांडर रियर एडमिरल डेविड डा पोज्जो ने भारतीय नौसेना के वेस्टर्न नेवल कमांड मुख्यालय में रियर एडमिरल विद्याधर हरके वीएसएम, चीफ स्टाफ ऑफिसर (ऑपरेशंस) के साथ मुलाकात की. दोनों पक्षों ने समुद्री सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा की और सैन्य क्षेत्र में विस्तारित सहयोग की आवश्यकता पर सहमति जताई. बता दें कि, यह बैठक भारतीय नौसेना और ईयूएनएवीएफओआर के बीच सहयोग के नए रास्ते खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
टेबल टॉप अभ्यास और विशेषज्ञ आदान-प्रदान
मुंबई में जहाजों के ठहराव के दौरान, दोनों पक्षों के बीच विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान (एसएमईई) और टेबल टॉप अभ्यास (टीटीएक्स) आयोजित किए गए. इन गतिविधियों का उद्देश्य समुद्र में सामरिक स्तर पर सहयोग के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को परिष्कृत करना था. समुद्री डकैती और तस्करी विरोधी अभियानों के अनुभवों के आदान-प्रदान से दोनों पक्षों को काफी लाभ हुआ. इन बंदरगाह गतिविधियों ने 1 जून 2025 को मुंबई से जहाजों के प्रस्थान के बाद भारतीय नौसेना और ईयूएनएवीएफओआर के बीच संयुक्त अभ्यास की नींव रखी.
समुद्री अभ्यास की योजना
आगामी समुद्री अभ्यास में ईयूएनएवीएफओआर के ईएसपीएस रीना सोफिया और आईटीएस एंटोनियो मार्सेलिया के साथ-साथ भारतीय नौसेना के जहाज और विमान हिस्सा लेंगे. यह जटिल सामरिक अभ्यास दोनों पक्षों के बीच अंतरसंचालनीयता (इंटरऑपरेबिलिटी) को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए सहज संचालन सुनिश्चित हो.
भारत और EU का है साझा लक्ष्य
भारत और यूरोपीय संघ नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता साझा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय जल के स्वतंत्र और खुले उपयोग को बढ़ावा देता है. इसके साथ ही तटीय देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है. यह दौरा समुद्री डकैती, तस्करी और अवैध, अनियंत्रित और अनिर्दिष्ट (आईयूयू) मछली पकड़ने जैसे गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने के साझा हित को दर्शाता है. यह मार्च 2025 में नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-ईयू समुद्री सुरक्षा संवाद के दौरान हुई चर्चाओं को भी प्रतिबिंबित करता है.