स्वामी रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी पर कुछ ऐसा कहा है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टर, संगठन और कंपनियां उन पर भड़क सकती हैं. 78वें स्वतंत्रता दिवस पर हुए एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एलोपैथी की दवाइयों को जहर बताते हुए कहा कि वे इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे. स्वामी रामदेव, एलोपैथी पर बोलकर पहले भी फंस चुके हैं और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उनके बयानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक घसीटा था.
स्वामी रामदेव ने कहा, 'आज 78वें स्वतंत्रता दिवस को देश मना रहा है. प्रथम तो सभी देशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं. 5 लाख से ज्यादा वीर-वीरांगनाओं की शहादत और बलिदान शौर्य की वजह से जो हमने आजादी पाई है, तमाम वीर-वीरांगनाओं, ऋषि-ऋषिकाओं के प्रति कृतज्ञता का भाव संजो करके, उनके सपनों को पूरा करने करने का दिवस है.'
स्वामी रामदेव ने फिर एलोपैथी पर कुछ ऐसा कहा है, जिसमें वे बुरी तरह घिरते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'चिकित्सा की स्वाधीनता बाकी है. एलोपैथी की जहरीली दवाइयां खाकर करोड़ों लोगों की मौत हो रही है. ब्रिटिशर्स ने राजनीतिक साम्राज्य कायम करने के लिए 10 करोड़ से ज्यादा लोगों का कत्ल किया. इस्लाम के नाम पर करोड़ों लोग मारे गए. लेनिन और मार्क्स के नाम पर युद्धों में लोगों का कत्ल हुआ है, ऐसे ही हर साल करोड़ों लोग जहरीली दवा, सेंथेटिक दवाइयां खाकर मर रहे हैं. हम चिकित्सा के आंदोलन को और मुखर करेंगे.'
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा, 'यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राजनीतिक आजादी के साथ-साथ इस देश में आर्थिक आजादी के लिए एक बड़ी क्रांति करेंगे. पूरी दुनिया की संपत्तियों पर, संसाधनों पर, वैभव और ऐश्वर्य पर 1 फीसदी आबादी की कब्जा है. साम्राज्यवादी ताकतों ने अपने क्रूर पाशों में पूरी दुनिया की वैभव और संपत्तियों को रौंद रखा है.'
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा, 'साम्राज्यवादी ताकतों ने अपने क्रूर पाशों से पूरी दुनियाकी वैभव संपत्तियों पर आधिपत्य जमाया है. इस देश की आर्थिक आजादी के लिए हमें लड़ना होगा. ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर अंग्रेजों तक, लाखों-करोड़ों लूटे, अभी भी लूट रहे हैं. अर्थव्यवस्था से लेकर शेयर बाजार, ऑटो मोबाइल सेक्टर और एग्रीकल्चर तक, मल्टी नेशनल कंपनीज का आधिपत्य है.'
स्वामी रामदेव ने कहा, 'एक स्वाधीन राष्ट्र के लिए यह बहुत शर्मनाक है कि अर्थव्यवस्था आजाद नहीं होती है, अगर ऐसा होता है तो देश विदेशी ताकतों का गुलाम होता है. ऐसा देश, सम्मान और स्वाभिमान के साथ नहीं जी सकता है. हमने संकल्प लिया है कि देश में आर्थिक आजादी लाएंगे. स्वदेशी अभियान मुखर करेंगे.'
स्वामी रामदेव ने लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीतियों के खिलाफ भी जमकर बोला. उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति में पढ़े लिखे बेरोजगारों की फौज तैयार हो रही है, जो आगे चलकर विद्रोही हो सकती है. हम ऐसी शिक्षा देंगे जो रोजगारपरक, समानता मूलक, नैतिकता और मौलिकता से भरी हुई हो, जिससे युवा देश के खिलाफ बगावत न करें. मिडिल ईस्ट, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह उपद्रव न होने पाए. हम संस्कार मूलक शिक्षा के बीज बोएंगे.'
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