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WWE का अखाड़ा बना महाराष्ट्र विधानसभा परिसर, आपस में भिड़े बीजेपी और एनसीपी के समर्थक, सामने आया वीडियो

WWE का अखाड़ा बना महाराष्ट्र विधानसभा परिसर, आपस में भिड़ बीजेपी और एनसीपी के समर्थक, सामने आया वीडियो

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Supporters of BJP and NCP clashed in Maharashtra assembly premises, video surfaced

महाराष्ट्र के विधान भवन में गुरुवार को एनसीपी (शरद पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और बीजेपी विधायक गोपीचंद पडालकर के समर्थकों के बीच तीखी झड़प हुई. यह घटना एक दिन पहले दोनों नेताओं के बीच हुए तीखे मौखिक विवाद के बाद सामने आई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

आपस में क्यों भिड़े दोनों पार्टियों के सपोर्टर

रिपोर्ट के अनुसार, यह झड़प विधान भवन की ग्राउंड फ्लोर लॉबी में हुई. हालात बिगड़ते देख आसपास मौजूद लोगों और सुरक्षा कर्मियों को तुरंत हस्तक्षेप करना पड़ा. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विवाद तेजी से बढ़ा, जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को हिरासत में लिया. हालांकि, शामिल लोगों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं है. पडालकर ने मीडिया से कहा, “मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता. आप उनसे (आव्हाड) पूछ सकते हैं, वे सदन में बैठे हैं. मुझे नहीं पता कि इसमें कौन शामिल था.” 

उन्होंने सवाल उठाया, “अगर विधान भवन में विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधि होने का क्या मतलब? हमारा अपराध क्या है? मैं सिर्फ ताजी हवा लेने बाहर निकला था. मुझे लगता है कि वे मुझ पर हमला करने आए थे.” 

नेताओं का तीखा विवाद

यह झड़प आव्हाड और पडालकर के बीच विधान भवन के प्रवेश द्वार पर हुई तीखी बहस के 24 घंटे बाद हुई. आव्हाड ने दावा किया कि पडालकर ने उनकी कार का दरवाजा जानबूझकर जोर से बंद किया, जिससे उन्हें चोट लगी. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “इस तरह का गुंडागर्दी जैसा व्यवहार अस्वीकार्य है. सवाल यह है कि ऐसे लोगों को प्रवेश की अनुमति किसने दी? सिस्टम को जवाबदेह ठहराना होगा. मैं मुख्यमंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग करता हूं.”

विधानसभा अध्यक्ष ने दिए जांच के आदेश

घटना को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. कांग्रेस विधायक नाना पाटोले ने इसे “अनुचित” बताया और अध्यक्ष के कार्रवाई के आश्वासन पर भरोसा जताया. ठाकरे ने कहा, “जिन्होंने पास जारी किए, उनकी जांच होनी चाहिए. यह बहुत गंभीर मामला है.”