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India Daily

Indian Navy Singapore visit: सिंगापुर पहुंचा भारतीय नौसेना का पूर्वी बेड़ा, समुद्री सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की पहल

भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े ने दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी परिचालन तैनाती के तहत सिंगापुर में कदम रखा है. यह यात्रा भारतीय नौसेना की दक्षिण पूर्व एशिया में परिचालन तैनाती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

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Edited By: Garima Singh
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Indian Navy Singapore visit: भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े ने दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी परिचालन तैनाती के तहत सिंगापुर में कदम रखा है. रियर एडमिरल सुशील मेनन, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, पूर्वी बेड़े की अगुवाई में भारतीय नौसेना के जहाज दिल्ली, सतपुड़ा, शक्ति और किल्टन सिंगापुर पहुंचे हैं. सिंगापुर गणराज्य की नौसेना और वहां स्थित भारतीय उच्चायोग ने इन जहाजों का गर्मजोशी से स्वागत किया. यह दौरा दोनों देशों के बीच गहरे समुद्री और कूटनीतिक रिश्तों का प्रतीक है.

यह यात्रा भारतीय नौसेना की दक्षिण पूर्व एशिया में परिचालन तैनाती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से भारत और सिंगापुर के बीच दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और सुदृढ़ करना है. रियर एडमिरल सुशील मेनन ने कहा, “यह यात्रा दोनों समुद्री देशों के बीच साझा मूल्यों और परस्पर सहयोग को और मज़बूत करने का एक अवसर है.” इस दौरे के दौरान दोनों नौसेनाओं के बीच व्यावसायिक और रणनीतिक चर्चाएँ आयोजित की जाएंगी.  

विविध गतिविधियों का आयोजन

इस दौरे के दौरान भारतीय नौसेना सिंगापुर गणराज्य की नौसेना के साथ कई व्यावसायिक बातचीत, शिक्षाविदों के साथ विचार-विमर्श और स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ाव की गतिविधियों में भाग लेगी. ये गतिविधियां दोनों देशों के साझा मूल्यों और हितों को दर्शाती हैं. इसके अतिरिक्त, यह दौरा दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी समझ और समन्वय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.  

तीन दशकों से अधिक का मज़बूत रिश्ता

भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य की नौसेना के बीच तीन दशकों से अधिक समय से गहरा सहयोग रहा है. नियमित यात्राओं, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और पारस्परिक प्रशिक्षण व्यवस्थाओं ने दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन संबंधों को मज़बूत किया है.

सिंगापुर दौरा: एक नया अध्याय

वर्तमान तैनाती दोनों देशों के बीच मज़बूत रिश्तों का एक और प्रमाण है. यह दौरा न केवल समुद्री सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है. आने वाले दिनों में और 
इस यात्रा से दोनों नौसेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास, तकनीकी आदान-प्रदान और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. यह दौरा भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है.