शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जिसे अकाल तख्त द्वारा जारी निर्देशों के बाद औपचारिक रूप से मंजूरी दी गई. बादल ने यह इस्तीफा 16 नवंबर, 2024 को प्रस्तुत किया था, लेकिन पार्टी के भीतर चल रही चर्चाओं के कारण इसे तत्काल स्वीकार नहीं किया गया. हालांकि, अकाल तख्त जत्थेदार की सलाह के बाद अब यह इस्तीफा स्वीकार किया गया है, जिससे पार्टी में महत्वपूर्ण बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
अकाल तख्त के हस्तक्षेप के बाद इस्तीफा मंजूर
SAD के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि कार्यसमिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. पार्टी के अंदर शुरुआती दौर में इस इस्तीफे को लेकर विचार-विमर्श हुआ था, क्योंकि पार्टी के नेताओं को यह चिंता थी कि अकाल तख्त के निर्देश पार्टी के धर्मनिरपेक्ष संविधान और राजनीतिक रजिस्ट्रेशन के सिद्धांतों से टकरा सकते हैं. हालांकि, अंततः अकाल तख्त के आदेश का पालन करते हुए यह इस्तीफा मंजूर कर लिया गया.
क्या बोले बादल
सुखबीर सिंह बादल ने अपने इस्तीफे के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेतृत्व के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "SAD के प्रतिनिधि सत्र में मुझे पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी. पिछले पांच वर्षों में मैंने पार्टी की सेवा में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया. अब, मैंने अपने कार्यकाल को पूरा किया है और नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए रास्ता साफ करने के लिए अपना इस्तीफा फिर से पेश किया है."
फिर से होगा SAD का गठन
सुखबीर बादल ने 30 अगस्त 2024 को सक्रिय नेतृत्व से एक कदम पीछे हटते हुए पार्टी के दैनिक संचालन की जिम्मेदारी कार्यसमिति को सौंप दी थी, जिसके तहत बलविंदर सिंह भुंडर की अध्यक्षता में काम हो रहा था. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के पुनर्गठन की योजना भी बनाई है, जिसके तहत 20 जनवरी 2025 से एक सदस्यता अभियान शुरू होगा, जिसका लक्ष्य 20 फरवरी 2025 तक 25 लाख नए सदस्य जोड़ने का है. इसके बाद, 1 मार्च 2025 को नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.