वार्विक क्राउन कोर्ट ने सोमवार को दो अफगान शरणार्थी किशोरों- जन जहानजेब और इसरार नियाजल- को 15 साल की ब्रिटिश लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के जुर्म में क्रमशः दस साल आठ महीने और नौ साल दस महीने की सजा सुनाई. लड़की का बनाया वीडियो इतना दर्दनाक है कि बचाव पक्ष के वकील ने चेतावनी दी कि अगर इसे सार्वजनिक किया गया तो पूरे देश में दंगे भड़क सकते हैं. जज ने दोनों के नाम उजागर करने की इजाजत दी ताकि अफवाहें और गलत लोगों पर हमले न हों.
मई महीने की शाम थी. लेमिंग्टन स्पा के एक पार्क में लड़की अपने दोस्तों से बिछड़ गई. जन जहानजेब उसे अकेला पाकर उसके पास आया और जबरदस्ती झाड़ियों वाले एक सुनसान कोने में ले गया. उसने पश्तो भाषा में फोन पर इसरार को बुलाया और इसके बाद दोनों ने मिलकर उस लड़की को दबोच लिया. लड़की चीखी, उसने मदद मांगी, लेकिन दोनों में से एक ने उसका मुंह बंद कर दिया.
पुलिस को लड़की का फोन मिला. उसमें दर्ज दृश्य इतने भयानक थे कि अभियोजक ने कोर्ट में कहा- लड़की बार-बार छोड़ने की गुहार लगा रही थी, दोनों को साफ पता था कि वह सहमत नहीं है. सीसीटीवी में भी दिखा कि वह जबरदस्ती खींची जा रही थी. बचाव वकील ने माना कि वीडियो देखकर जनता सड़कों पर उतर आएगी.
जज सिल्विया डी बर्टोडानो ने कहा- तुमने एक बच्ची की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया. जहानजेब को छोटी नाव से ब्रिटेन आए अभी एक साल भी नहीं हुआ था, उसे पहले ही निर्वासन का नोटिस मिल चुका है. वहीं नियाजल ने 17वें जन्मदिन से एक दिन पहले गुनाह कबूल किया, जिससे स्वतः निर्वासन का नियम उस पर लागू नहीं हुआ.
वहीं कोर्ट में पढ़े गए बयान में लड़की ने कहा- अब मैं कहीं अकेले नहीं जा सकती. घरवाले खुद को दोष देते हैं, मुझे यह देखकर और दुख होता है. मैं नहीं चाहती कि लोग मुझे सिर्फ शिकार समझें, पर अब मैं सचमुच शिकार ही हूं.