Vadilal Ice Cream Success Story: देश की सबसे बड़ी और पुरानी आइसक्रीम कंपनियों में से एक वाडीलाल का प्रोडक्ट हर कोई पसंद करता हैं. अगर आप भी आइसक्रीम के शौकीन हैं तो वाडीलाल के नाम से परिचित जरूर होंगे. इस कंपनी की शुरुआत साल 1907 में हुई थी. इस कंपनी की शुरुआत वाडीलाल गांधी ने की थी. वाडीलाल का व्यापार आज 49 देशों में फैला हुआ है. इस कंपनी के मार्केट कैप की अगर हम बात करें तो वह 1700 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है.
गुजरात के अहमदाबाद में साल 1907 में मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले वाडीलाल गांधी ने एक छोटी सोडा शॉप खोली थी. इसके बाद बढ़ती पॉपुलैरिटी को देखते हुए उन्होंने कोठी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सोडा बेचने और आइसक्रीम बनाने की शुरुआत की. शुरूआत में उन्होंने हाथ से चलने वाली मशीन के जरिए बर्फ, नमक और दूध को मिलाकर आइसक्रीम बनाई शुरू की थी. उस दौर में थर्माकोल के डिब्बे में कंटेनरों में आइसक्रीम को लेकर होम डिलीवरी भी किया करते थे.
समय बीतता गया और वाडीलाल के आइसक्रीम की मांग बढ़ती गई. इसी बीच वाडीलाल गांधी ने इस बिजनेस को अपने बेटे रणछोड़ लाल गांधी को सौंप दिया. इसके बाद पारिवारिक बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए 1926 में उन्होंने जर्मनी से आइसक्रीम बनाने की एक मशीन मंगवाई और देश में आइसक्रीम का पहला आउटलेट खोला.
बाद में अपने परिवारिक बिजनेस को रणछोड़ लाल से अपने बेटे रामचंदभाई और लक्ष्मणभाई गांधी को दी. इसके बाद 1961 में दोनों भाई ने एक साथ मिलकर इसे पेशेवर तरीके से चलाने का फैसला लिया. इसके बाद 1970 के दशक में कंपनी ने नए-नए फ्लेवर निकालकर भारतीय बाजार में अपनी एक खास पहचान बनाई.
वाडीलाल का व्यापार आज 49 देशों में फैला हुआ है. इस बिजनेस को पांचवीं पीढ़ी संभाल रही है. वाडीलाल का मार्केट कैप 1700 करोड़ रुपये से अधिक है. आइसक्रीम ब्रांड के अलावा वाडीलाल प्रोसेसिंग फूड, ब्रेड के साथ साथ कई अन्य शाकाहारी खाद्य पदार्थों का भी बिजनेस करता है. वाडीलाल आइसक्रीम अमेरिका में सबसे अधिक बिकने वाले भारतीय आइसक्रीम ब्रांड के रूप में उभरी है.