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'हम एक कायर मोदी के सामने घुटने टेक चुके हैं', बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर ये क्या बोल गए सुब्रमण्यन स्वामी?

Subramanian Swamy On PM Modi: सुब्रमण्यन स्वामी ने एक बार फिर से पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि हमें बांग्लादेश में अपनी फौज भेजकर कब्जा कर लेना चाहिए. लेकिन हम मोदी के सामने घुटने टेक चुके हैं.

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Subramanian Swamy On PM Modi: बीजेपी के फायरब्रांड नेता सुब्रमण्यन स्वामी अपने हिंदत्वादी विचारधार के लिए जाने जाते हैं. भले ही वह बीजेपी से ताल्लुक रखते हैं लेकिन जब भी कोई बात आती है तो वह पीएम मोदी का भी विरोध करने से नहीं कतराते हैं. बांग्लादेश में फैली अवव्यस्था और हिंदओ के ऊपर हो रहे अत्याचार पर उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है. पहले उन सवाल किया कि क्या बांग्लादेश के हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार पर हम कार्रवाई कर सकते हैं? 

सुब्रमण्यन स्वामी पहले सवाल करते हैं और फिर खुद ही जवाब देते हैं. वो अपने सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि हां, हमें अपने सैनिकों को बांग्लादेश में भेजकर वहां कब्जा कर लेना चाहिए. इसके बाद आगे वह पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधते हैं

मोदी की जगह किसी और को लाएं- सुब्रमण्यन स्वामी

डॉक्टर सुब्रमण्यन स्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा - "अगर बांग्लादेश के खूंखार मुसलमान निहत्थे हिंदुओं को मार सकते हैं या उनका अपमान कर सकते हैं, तो क्या हम हिंदुओं को जवाबी कार्रवाई करने का हक है? हां, हमें अपने सैनिकों को वहां भेजकर उस पर कब्जा करना चाहिए."

सुब्रमण्यन स्वामी आगे लिखते हैं-  "लेकिन हम एक कायर मोदी के सामने घुटने टेक चुके हैं, जो चीन के सामने पहले ही झुक चुका है. चीन ने लद्दाख के 4065 वर्ग किलोमीटर हिस्से पर कब्जा कर लिया है. बीजेपी को सबसे पहले उनकी जगह एक सच्चे हिंदुस्तानी नेता को लाना चाहिए."

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख ने हिंदुओं को लेकर क्या कहा?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को ढाका में ऐतिहासिक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया. यहां पर उन्होंने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को देश में उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया. 

अखबार डेली स्टार ने प्रोफेसर यूनुस के हवाले से कहा- "अधिकार सभी के लिए समान हैं. हम सभी एक ही व्यक्ति हैं और हमारे पास एक ही अधिकार है. हमारे बीच कोई भेदभाव न करें. कृपया हमारी सहायता करें. धैर्य रखें और बाद में निर्णय लें कि हम क्या कर पाए और क्या नहीं. अगर हम असफल होते हैं तो हमारी आलोचना करें."