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मुलायम के राजदार.. अखिलेश के वफादार.. जानें कौन हैं अवधेश प्रसाद, जिन्हें सपा ने फैजाबाद से बनाया लोकसभा उम्मीदवार?

समाजवादी पार्टी ने फैजाबाद सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अवधेश प्रसाद पर दांव लगाया है. 

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Awadhesh Prasad Faizabad

हाइलाइट्स

  • सपा ने फैजाबाद लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद को दिया टिकट
  • अखिलेश यादव के बेहद खास माने जाते हैं अवधेश प्रसाद

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव का चुनावी शंखनाद करते हुए 16 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का नाम भी शामिल है, जो अपनी मौजूदा लोकसभा सीट मैनपुरी से चुनावी किस्मत आजमाएगी. दिलचस्प बात यह है कि समाजवादी पार्टी ने फैजाबाद सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अवधेश प्रसाद पर दांव लगाया है. 

अवधेश प्रसाद पर सपा ने खेला बड़ा दांव 

गौरतलब है कि फैजाबाद लोकसभा प्रभु राम की नगरी अयोध्या में आता है और बीते 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड में है. ऐसे में फैजाबाद सीट से सपा दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाकर चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. अवधेश प्रसाद की दलित वोट बैंक पर खासी पकड़ होने के साथ-साथ यादव और मुस्लिम मतदाताओं का समीकरण इनके साथ है. यादव पिछड़ों के साथ दलितों को साधने की रणनीति के तहत रणनिती के तहत सपा ने अवधेश प्रसाद को मैदान में उतारा चुनावी लड़ाई को नया मोड़ दे दिया है. 

जानें कौन हैं अवधेश प्रसाद? 

अवधेश प्रसाद पासी बिरादरी से आते हैं और वह मुलायम सिंह यादव के भी नजदीकी रहे. अवधेश प्रसाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद खास माने जाते हैं. मौजूदा समय में वह सपा रे राष्ट्रीय महासचिव है. वह विधानसभा की कार्यवाही और तमाम सियासी मौकों पर अखिलेश यादव के साथ नजर भी आते है. अवधेश प्रसाद जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में पहली बार सोहावल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 

अखिलेश प्रसाद 9 बार के विधायक 

इसके बाद वह 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे. साल 2008 के परिसीमन के बाद सोहावल सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्व खत्म हुआ और मिल्कीपुर विधानसभा को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया. जहां से वो 2012 में सपा लहर में विधायक और अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गये. 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश प्रसाद को हार का स्वाद चखना पड़ा लेकिन 2022 में बड़ी जीत हासिल करके नौवीं बार विधायक बने. आप अलग-अलग समय पर सपा कार्यकाल के दौरान युपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे है.

सपा ने इन नेताओं को लोकसभा का दिया टिकट 

इस सूची में सूची में अन्य उम्मीदवारों में संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदांयू से धर्मेंद्र यादव, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, धौरहरा से आनंद भदौरिया, उन्नाव से अनु टंडन का नाम शामिल है. वहीं फर्रुखाबाद संसदीय सीट से नवल किशोर, अकबरपुर से पूर्व सासंद राजाराम पाल, बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा, बस्ती से रामप्रसाद चौधरी और CM योगी के गढ़ गोरखपुर से भोजपुरी एक्ट्रेस काजल निषाद को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया है. सपा ने अपनी पहली लिस्ट में पहली लिस्ट में एक मुस्लिम, 1 क्षत्रिय, 1 SC, 2 खत्री, 2 शाक्य और OBC समाज के कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारकर सामाजिक समीकरण को साधा है. वहीं दो 2 महिला को सपा ने उम्मीदवार बनाकर महिला वोट बैंक को को साधने को कोशिश की है.