दुनियाभर में एमपॉक्स के फैलते संक्रमण के बीच भारत ने एमपॉक्स का पता लगाने वाली पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट बना ली है. इस किट को सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी ने बनाया है. इस किट से केवल 40 मिनट में एमपॉक्स की जांच के सटीक रिजल्ट मिल जाएगा. फिलहाल इस समय एमपाक्स की जांच में करीब एक से दो घंटे का समय लगता है. हाई वैश्विक मानकों के अनुरूप इस किट को विकसित किया गया है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन(सीडीएससीओ) ने इसे मंजूरी दी है. सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, यह हमारी मेक इन इंडिया के लिए बड़ी उपलब्धि है.
आइएमडीएक्स एमपाक्स डिटेक्शन आरटी-पीसीआर किट को वडोदरा में मोलेक्युलर डायग्नॉस्टिक्स यूनिट में तैयार किया गया है. हर साल करीब 10 लाख किट बनाई जा सकेगी. जल्द ही लोगों को यह किट मिलनी शुरू हो जाएगी.
WHO ने 14 अगस्त को Mpox यानी मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. इससे पहले जुलाई 2022 में भी एमपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया था. IMDX मंकीपॉक्स डिटेक्शन RT-PCR टेस्ट किट एक शानदार आणविक निदान परीक्षण है जो वायरल जीनोम में दो अलग-अलग क्षेत्रों को चेक करेगा है, जो वायरस के क्लेड I और क्लेड II दोनों प्रकारों में फैला हुआ है. यह विभिन्न वायरल उपभेदों में गहन पहचान सुनिश्चित करता है, जिससे व्यापक परिणाम मिलते हैं.
यह पीसीआर सेटअप किट सभी लैब वर्कफ्लो में आसानी से फिट हो जाती है. जिससे लोगों को दूसरे मशीन की जरूरत खत्म हो जाएगी. मौजूदा कोविड परीक्षण बुनियादी ढांचे का उपयोग करने की क्षमता दक्षता को बढ़ाएगी. सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिहरन सुब्रमण्यन ने कहा कि सटीक निदान की आवश्यकता ही सबसे महत्वपूर्ण है. भारत में तैयार किया यह मंकी पॉक्स डिटेक्शन आरटी पीसीआर किट हर तरफ से संपन्न है. इस बीमारी से लड़ने में काफी ज्यादा मददगार हो. इसके इस्तेमाल से बिना समय गवाएं बीमारी का पता लगा सकते हैं.