भारत का अंतरिक्ष में नया इतिहास: ग्रुप कैप्टन शुभांषु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भरेंगे उड़ान

भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांषु शुक्ला एक ऐतिहासिक मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने जा रहे हैं. वे Axiom Mission 4 (Ax-4) के पायलट के रूप में शामिल होंगे. यह मिशन अमेरिका की Axiom Space द्वारा NASA, ISRO और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से आयोजित किया गया है.

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भारत के लिए ये एतिहासिक दिन है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार यानी आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो रहे हैं. वह आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. 

कब लॉन्च होगा AX-4 मिशन 

Ax-4 मिशन की लॉन्चिंग बुधवार, 25 जून को NASA के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से होगी. लॉन्च का समय भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे (IST) और अमेरिकी ईस्टर्न टाइम के अनुसार सुबह 2:31 बजे (EDT) तय किया गया है. यह लॉन्च SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और नई Crew Dragon कैप्सूल से किया जाएगा. खास बात यह है कि यह SpaceX द्वारा बनाया गया अंतिम नई Crew Dragon कैप्सूल है.

मिशन क्रू में होंगे ये लोग

कमांडर: पैगी व्हिटसन (NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री)
पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांषु शुक्ला (भारत)
मिशन स्पेशलिस्ट: स्लावोस उज़्नांस्की-विस्निव्स्की (पोलैंड)
मिशन स्पेशलिस्ट: तिबोर कपु (हंगरी)

अंतरिक्ष में क्या करेंगे शुभांषु और उनकी टीम?

Ax-4 मिशन की टीम ISS पर दो हफ्ते बिताएगी. इस दौरान ये लोग 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से 7 प्रयोग ISRO द्वारा डिजाइन किए गए हैं. यह मिशन भारत के लिए अंतरिक्ष में चार दशकों बाद मानव मिशन की वापसी का प्रतीक है. शुभांषु शुक्ला की यह उड़ान पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण बन गई है, खासतौर से उनके गृह नगर लखनऊ में खुशी का माहौल है. इस ऐतिहासिक पल को आप भी लाइव देख सकते हैं.

SpaceX की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर सुबह 10:00 बजे से लॉन्जिंग की लाइव स्ट्रीमिंग होगी.यह मिशन न सिर्फ भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के अगले दौर में बड़ी भूमिका निभा रहा है. भारत की ओर से यह कदम वैश्विक मंच पर देश की वैज्ञानिक क्षमता और अंतरिक्ष तकनीक में तेजी से हो रही प्रगति को भी दर्शाता है.

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