नई दिल्ली: हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. अब इस विभत्स घटना की कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने निंदा की है. उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करते हुए बांग्लादेश सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
आपको बता दें कि बांग्लादेश के मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया सामने आ रही है. भारत में भी इस घटना के खिलाफ व्यापक आक्रोश देखा गया. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना को अनुचित और दुखद बताते हुए बांग्लादेश सरकार से हिंसा रोकने और पीड़ित समुदाय को सुरक्षा देने की अपील की है. उन्होंने भारत में हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का उदाहरण देते हुए उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में भी हालात जल्द सामान्य होंगे.
#WATCH | Thiruvananthapuram, Kerala: On the Bangladesh unrest, Congress MP Shashi Tharoor says, "... It's not entirely surprising that with this kind of volatile atmosphere across the border, in India also some groups have organised protests in return. In our democracy, they have… pic.twitter.com/JQ5I4MB15y
— ANI (@ANI) December 25, 2025
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दीपू चंद्र दास की हत्या को पूरी तरह गलत और अस्वीकार्य बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी आरोप के आधार पर कानून को हाथ में लेना समाज के लिए खतरनाक है. थरूर के अनुसार, ऐसी घटनाएं सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती हैं और अल्पसंख्यकों में डर पैदा करती हैं.
थरूर ने भारत में दीपू की हत्या के खिलाफ हुए प्रदर्शनों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे और कहीं भी हिंसा नहीं हुई. उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है, लेकिन किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा कि केवल दुख जताने वाले बयान काफी नहीं हैं. बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सड़कों पर हिंसा को रोके और लोगों को सुरक्षित माहौल दे. उन्होंने जोर दिया कि दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई जरूरी है.
इस घटना के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव देखा गया है. भारत के कई शहरों में प्रदर्शन हुए, जबकि बांग्लादेश ने कुछ भारतीय शहरों में वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी. दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को तलब किया है.
शशि थरूर ने बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण देने के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि भारत ने मानवीय आधार पर सही कदम उठाया है और ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय समझौतों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाना चाहिए.