महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में संभावित गड़बड़ी को लेकर बयान दिया है. हालांकि, वह गड़बड़ी को लेकर कोई सबूत नहीं दे पाए. पवार ने कहा कि कुछ अंतर EVM के वोटों में देखा गया है, लेकिन फिलहाल हमारे पास इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है.
शरद पवार का बयान
महाराष्ट्र चुनाव में असंतोष
पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने दावा किया कि इस बार के चुनाव ने लोगों को बहुत निराश किया है. 'यह पहली बार हुआ है कि देश में चुनावों ने लोगों को इतना बेचैन कर दिया है, लोगों में निराशा का माहौल है. रोजाना सुबह 11 बजे, विपक्षी नेता संसद में सवाल उठाते हैं, लेकिन उनकी मांगों को संसद में स्वीकार नहीं किया जा रहा है. इससे यह साफ है कि संसदीय लोकतंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है.' पवार ने आगे यह भी कहा कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो यह सही नहीं होगा और इसके लिए उन्हें जनता के बीच जाकर जागरूकता फैलानी होगी.
विपक्ष का EVM पर सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष ने EVMs की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि "पूरे चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी गंभीर रूप से समझौता हो रही है." कांग्रेस ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के पक्षपाती रवैये से चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और इसके खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू किया जाएगा.
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने कहा कि 'मुक्त और निष्पक्ष चुनाव एक संविधानिक आदेश है, जिसे चुनाव आयोग के पक्षपाती कामकाज द्वारा गंभीर रूप से संदेहास्पद बनाया जा रहा है. समाज के बढ़ते हिस्से में इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता और निराशा फैल रही है. कांग्रेस इस मुद्दे को सार्वजनिक आंदोलन के रूप में उठाएगी.'
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन साथ ही कांग्रेस को इस विषय पर चर्चा करने के लिए 3 दिसंबर को एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है.
महाराष्ट्र चुनाव परिणाम
हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस-नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (MVA) को बड़ा झटका लगा. कांग्रेस ने महज 16 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना (UBT), जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में थी, ने 20 सीटें जीतीं. वहीं, एनसीपी (शरद पवार गुट) को 10 सीटें मिलीं. दूसरी ओर, बीजेपी-नेतृत्व वाली महायूति गठबंधन को 233 सीटों के साथ शानदार जीत मिली. बीजेपी को 132 सीटें मिलीं, जबकि उसके सहयोगी – शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजीत पवार) को क्रमशः 57 और 41 सीटें मिलीं.