सतारा: महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत 28 वर्षीय महिला डॉक्टर गुरुवार देर रात एक होटल के कमरे में मृत पाई गईं। पुलिस को मौके पर उसकी हथेली पर लिखा एक नोट मिला, जिसमें दो पुलिसकर्मियों पर लगातार बलात्कार और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
घटना के सामने आते ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, ने सतारा पुलिस से बात की और नोट में नामित दोनों अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया। सतारा पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
डॉक्टर के हाथ पर मिले नोट में सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने पर कई बार बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप है, जबकि एक अन्य अधिकारी प्रशांत बनकर पर मानसिक प्रताड़ना का ज़िक्र किया गया है।
पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज किया गया है। बदाने को निलंबित कर दिया गया है और पुलिस टीमें दोनों की तलाश में जुटी हैं।
पीड़िता के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हेराफेरी करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। उनके चचेरे भाई ने कहा कि पुलिस और राजनीतिक दबाव बहुत था। उसने इसकी शिकायत करने की कोशिश की थी। मेरी बहन को न्याय मिलना चाहिए।
परिवार की महिलाओं ने बताया कि डॉक्टर काम के दबाव से जूझ रही थीं। उनकी मौसी ने कहा कि वह मेधावी और महत्वाकांक्षी थी। हमने उसे बचपन से पाला था। पिछले कुछ दिनों से वह तनाव में थी और कार्यस्थल पर वरिष्ठों द्वारा परेशान किए जाने की बात कह रही थी।
महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकनकर ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि आयोग ने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
एसपी तुषार दोशी ने कहा कि पूरी जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, जबकि डॉक्टर के परिजन और सहकर्मी न्याय की मांग कर रहे हैं।