जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए ऐतिहासिक चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने तीन सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी मजबूती दिखाई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक सीट अपने नाम की. यह चुनाव तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं के तहत संपन्न हुआ था.
पहली सीट पर एनसी के वरिष्ठ नेता चौधरी मोहम्मद रमज़ान और बीजेपी के अली मोहम्मद मीर के बीच मुकाबला हुआ. इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस को 58 वोट मिले जबकि बीजेपी को 28 वोट ही मिल पाए. इस तरह रमज़ान ने बड़ी जीत हासिल की और एनसी ने पहली सीट पर आसान कब्जा जमाया.
सज्जाद किचलू ने राकेश महाजन को दी मात
दूसरी सीट पर एनसी के सज्जाद किचलू और बीजेपी के राकेश महाजन के बीच मुकाबला हुआ. इस सीट पर भी एनसी को बढ़त मिली और सज्जाद किचलू को 57 वोट, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 28 वोट प्राप्त हुए.
तीसरी अधिसूचना में दो सीटों के लिए मतदान हुआ. एनसी की ओर से जी.एस. (शम्मी) ओबेरॉय और इमरान नबी डार उम्मीदवार थे, जबकि बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा को मैदान में उतारा था. इस चरण में शम्मी ओबेरॉय ने तीसरी सीट जीतकर एनसी की झोली में एक और सफलता डाल दी.
एक सीट पर बीजेपी को मिली जीत
हालांकि चौथी सीट पर मुकाबला कड़ा रहा. बीजेपी ने इस सीट के लिए पूरा जोर लगाया और संगठनात्मक रणनीति के दम पर सत शर्मा को विजयी बनाया. उन्हें 32 वोट मिले, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 22 वोट ही मिल पाए.इस तरह कुल नतीजों में नेशनल कॉन्फ्रेंस को तीन सीटें और बीजेपी को एक सीट हासिल हुई.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह परिणाम जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सियासी तस्वीर को दर्शाता है जहां एनसी ने अपनी परंपरागत मजबूती बनाए रखी है, वहीं बीजेपी ने एक सीट जीतकर दक्षिण और जम्मू क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
यह चुनाव जम्मू-कश्मीर की विधानसभा बहाली के बाद राज्यसभा में पहली बड़ी राजनीतिक जंग मानी जा रही थी, जिसने दोनों दलों की रणनीतिक ताकत और संगठनात्मक तैयारी को उजागर किया.