टैरिफ युद्ध, भू-राजनीतिक संकट और ऐसी तमाम तरह की अड़चनों को पीछे छोड़ते हुए भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के बेहद करीब पहुंच गए हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर दोनों तरफ से जो मुद्दे थे उनमें से ज्यादातर को लगभग-लगभग सुलझा लिया गया है. अधिकारी ने कहा कि अब इस समझौते को लेकर कोई भी बड़ा मतभेद सुलझाने के लिए नहीं बचा है और हम ज्यादातर मुद्दों पर एकमत हैं.
अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों समझौते की भाषा को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं, इसके अलावा और कोई भी नया मुद्दा इस समझौते में रुकावट नहीं बन रहा है. बता दें कि अब तक नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को लेकर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है.
गुरुवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बाबत कहा कि प्रस्तावित समझौते पर चर्चा अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और उन्होंने आशा व्यक्त की कि दोनों पक्ष निकट भविष्य में एक निष्पक्ष और न्यायसंगत समझौते की दिशा में काम करेंगे.
बता दें कि पिछले हफ्ते वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय अधिकारियों का एक दल वाशिंगटन गा था जहां तीन दिवसीय वार्ता हुई जो 17 अक्तूबर को संपन्न हुई.
इससे पहले फरवरी में भारत और अमेरिका ने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया था और 2025 तक इसके पहले चरण को पूरा करने का निर्देश दिया था. वहीं नवंबर तक की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है.
गौरतलब है कि यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें रूस से तेल खरीदने से जुड़े आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरित टैरिफ भी शामिल है.
हालांकि भारत ने अमेरिका की इन कार्रवाइयों को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है.