Rishikesh AIIMS Police Car: ऋषिकेश एम्स के इमरजेंसी वार्ड का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में ऋषिकेश पुलिस की जीप दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि जीप ऋषिकेश एम्स के फोर्थ फ्लोर पर इमरजेंसी वार्ड में खड़ी है. वीडियो को देखकर लोगों के मन में सवाल है कि आखिर अस्पताल के फोर्थ फ्लोर पर पुलिस की जीप ले जाने का क्या मतलब है? रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस यौन उत्पीड़न के एक संदिग्ध आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जीप को एम्स ऋषिकेश की चौथी मंजिल पर ले गई, जहां से आरोपी को दबोच लिया गया.
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही 26 सेकंड की क्लिप में पुलिस की गाड़ी को भीड़ भरे इमरजेंसी वार्ड से गुजरते हुए दिखाया गया है. जैसे ही पुलिस की जीप इमरजेंसी वार्ड में एंट्री करती है, सुरक्षा अधिकारी मरीजों से भरे स्ट्रेचर को हटाकर जीप के लिए रास्ता साफ करते हुए देखे जा सकते हैं. कार तेजी से आगे बढ़ती है और उसमें कई पुलिस अधिकारी बैठे होते हैं.
The cops drove their car inside AIIMS Rishikesh.pic.twitter.com/rZDkCvHipM
— Divya Gandotra Tandon (@divya_gandotra) May 22, 2024Also Read
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पुलिस के अनुसार, आरोपी सतीश कुमार ने ऑपरेशन थियेटर के अंदर एक महिला डॉक्टर को कथित तौर पर परेशान किया. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए ऋषिकेश के पुलिस अधिकारी शंकर सिंह बिष्ट ने कहा कि कुमार (अब सस्पेंड) ने महिला डॉक्टर को एक अश्लील एसएमएस भी भेजा था.
यौन उत्पीड़न के आरोपी की इस तरह से गिरफ्तारी वाले तरीके ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि इमरजेंसी जैसे वार्ड में पुलिस का जीप लेकर जाना कितना सही है. वहीं, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट संजीव कुमार मित्तल के अनुसार, इससे पहले, सतीश कुमार की गिरफ्तारी के एक दिन बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और उसे बर्खास्त करने की मांग की. कुमार को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया.
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, जब पुलिस पहुंची तो एम्स के सिक्योरिटी ने कहा कि हमें आरोपी को वार्ड से बाहर निकालना होगा, नहीं तो मामला बिगड़ सकता है, यहां तक कि भीड़ की ओर से हत्या भी हो सकती है. आरोपी को अस्पताल से सुरक्षित निकालने के लिए हमने गंभीर रोगियों को ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए बनाए गए रैंप का यूज किया.
सिंह ने कहा कि पुलिस की एसयूवी चौथी मंजिल पर गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि आरोपी को पैदल सुरक्षित लाना मुश्किल होता. लौटते समय, प्रदर्शनकारियों ने एसयूवी को देखा और उसका पीछा किया. पहली मंजिल पर, एसयूवी को घेर लिया गया और एम्स के सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर निकलने के लिए इमरजेंसी वार्ड ट्राइएज के माध्यम से एक रास्ता बनाने का फैसला किया. वायरल हो रहा वीडियो पहली मंजिल के इमरजेंसी ट्राइएज का है.
बुधवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने संस्थान जाकर पीड़िता के साथ ही डीन डॉ. जया चतुर्वेदी और अन्य महिला डॉक्टरों से मुलाकात की. कंडवाल ने देहरादून डीएम को जांच कमेटी गठित करने का निर्देश दिया. एम्स प्रशासन ने आरोपी को निलंबित कर दिया है और सहायक नर्सिंग अधीक्षक को उनके पद से हटा दिया है. कंडवाल ने उनके निलंबन की भी मांग की थी क्योंकि उन्होंने शिकायत के बाद भी आरोपी को ड्यूटी पर भेजा था।