Padma Shri Awardee Baba Shivanand Death: योग और साधना के प्रतीक, पद्मश्री से सम्मानित योग गुरु बाबा शिवानंद का शनिवार (3 मई) देर रात वाराणसी में निधन हो गया. 128 वर्ष की आयु में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वे 30 अप्रैल से इलाजरत थे. उनके निधन की खबर के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'योग साधक व काशीवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं. योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा. शिवानंद बाबा जी का शिवलोक गमन हम सभी काशीवासियों व लाखों श्रद्धालुओं के लिए अपूरणीय क्षति है.'
8 अगस्त 1896 को तत्कालीन पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के सिलहट जिले में जन्मे बाबा शिवानंद बचपन में ही अनाथ हो गए थे. बाद में संत ओंकारानंद ने उन्हें आध्यात्मिक जीवन की राह दिखाई.
बाबा का जीवन एक तपस्वी जैसा रहा — सुबह 3 बजे उठकर योग, उबला हुआ सात्विक भोजन, लकड़ी का तकिया और जमीन पर सोना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था.
'योग' के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान देने वाले काशी के प्रख्यात योग गुरु 'पद्म श्री' स्वामी शिवानंद जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
आपकी साधना एवं योगमय जीवन संपूर्ण समाज के लिए महान प्रेरणा है। आपने अपना पूरा जीवन योग के विस्तार में समर्पित कर दिया।…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 4, 2025
योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। योग के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था।
शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे… pic.twitter.com/nm9fI3ySiK
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2025
उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा शिवानंद ने कभी किसी गंभीर बीमारी का सामना नहीं किया. 2019 की मेडिकल रिपोर्ट्स में भी उनकी स्वास्थ्य स्थिति को सामान्य और चौंकाने वाला बताया गया था. मार्च 2022 में उन्हें योग के क्षेत्र में आजीवन सेवा के लिए पद्मश्री से नवाजा गया था.
राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में जब उन्होंने पीएम मोदी को झुककर प्रणाम किया, तो प्रधानमंत्री ने भी उतनी ही विनम्रता से उन्हें प्रणाम किया — यह दृश्य लोगों के दिलों में आज भी बसा है. बाबा का पार्थिव शरीर वाराणसी के कबीरनगर कॉलोनी स्थित उनके निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. आज शाम उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.