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India Daily

रेयर अर्थ एलिमेंट्स: भारत के लिए इतनी बड़ी चुनौती कि BRICS में पीएम मोदी को चीन को घेरना पड़ा

मोदी सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स की घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है. इसके तहत अगले 10-15 दिनों में 1500 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स प्रतिवर्ष उत्पादित करने की योजना है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Rare Earth Elements Such a big challenge for India that PM Modi had to corner China in BRICS

 रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements - REE) भारत के औद्योगिक और रणनीतिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. इन खनिजों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्टफोन, रक्षा उपकरण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में होता है. वैश्विक आपूर्ति में चीन का 60-70% नियंत्रण होने के कारण भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर चीन पर दबाव बनाया, जिससे भारत की रणनीतिक स्थिति और मजबूत हुई.

रेयर अर्थ एलिमेंट्स की रणनीतिक महत्ता

रेयर अर्थ एलिमेंट्स, जैसे नियोडिमियम और डिस्प्रोसियम, आधुनिक तकनीक और रक्षा उद्योग की रीढ़ हैं. चीन ने इनके निर्यात पर बार-बार प्रतिबंध लगाकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है, जिससे भारत जैसे देशों को नुकसान हुआ. एक हालिया पोस्ट के अनुसार, “चीन ने भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट्स, विशेष उर्वरक और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति रोक दी है.” यह भारत के ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए बड़ा झटका है.

ब्रिक्स में भारत की रणनीति

रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और लचीला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, “क्रिटिकल मिनरल्स और टेक्नोलॉजी में सहयोग बढ़ाते हुए हमें इनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित और लचीला बनाने पर ध्यान देना होगा. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी देश इन्हें अपने लाभ या हथियार के रूप में उपयोग न करे.” यह बयान चीन के एकाधिकार को चुनौती देता है और वैश्विक सहयोग की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

भारत की आत्मनिर्भरता की पहल

मोदी सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स की घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है. इसके तहत अगले 10-15 दिनों में 1500 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स प्रतिवर्ष उत्पादित करने की योजना है. साथ ही, घाना जैसे देशों के साथ खनन समझौते कर भारत ने चीन की निर्भरता को कम करने की दिशा में कदम उठाया है.

रेयर अर्थ एलिमेंट्स भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. ब्रिक्स में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर न केवल चीन के दबदबे को चुनौती दी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को भी मजबूत किया. भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक सहयोग की रणनीति इसे रेयर अर्थ क्षेत्र में एक नया नेतृत्व प्रदान कर सकती है.